री एडमिशन फीस लेने तथा अन्य बातों को लेकर झारखंड अभिभावक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम, विधि व्यवस्था को ज्ञापन सौंपा

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मनीष रंजन की रिपोर्ट 

धनबाद: प्राइवेट स्कूलों में री- एडमिशन एवं अन्य मुद्दे को लेकर झारखण्ड अभिभावक महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष पप्पू सिंह के नेतृत्व मे उपायुक्त से मिलने समाहरणालय गया। उपायुक्त की अनुपस्थिति में अपर जिला दंडाधिकारी, विधि व्यवस्था श्री पीयूष सिन्हा से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा।

 झारखण्ड अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह ने बताया कि ज्ञापन मे सख्ती से झारखण्ड शिक्षा न्यायधीकरण ( प्रथम संशोधन ) अधिनियम 2017 के आलोक मे जिला एवं विद्यालय स्तरीय शुल्क कमिटी  का गठन अविलम्ब हो । 

नए सत्र मे निजी विद्यालय केवल मासिक शैक्षणिक शुल्क ही ले। री एडमिशन फीस को अन्य नाम यानी एनुअल फीस या बिल्डिंग डेवलपमेंट चार्ज या कंस्ट्रक्शंस चार्ज या किसी और रूप में भी से न ले। 

उन्होंने कहा कि झारखण्ड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का भी री एडमिशन को लेकर पिछले दिनों एक बयान आया है ,जिसमे री एडमिशन लेने वाले स्कूलों पर ढाई लाख फाइन रखने की बात कही गयी है।

      उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के आदेश का अनुपालन करवाना अब जिला शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन का दयातिव बनता है। स्कूलों द्वारा आदेशों का पालन नही होने पर अभिभावक महासंघ चरणबद्ध आंदोलन की राह पकड़ेगा। अभिभावकों मे री एडमिशन को लेकर बहुत आक्रोश है। स्कूल प्रबंधक द्वारा चिन्हित बुक स्टोर एवं स्कूल यूनिफार्म हाउस द्वारा मिलीभगत से किताब, कॉपी और यूनिफाॅर्म खरीदने के लिए ये शिक्षा माफिया लोग अपवित्र गठबंधन बनाकर अभिभावकों को लूट रहे है। इसपर अविलम्ब प्रशासन नकेल कसे। 

एडीएम, विधि व्यवस्था श्री पीयूष सिन्हा ने उचित कार्रवाई करने के लिए सात दिनों का वक्त लिया है ।

प्रतिनिधिमंडल में महासचिव मनोज मिश्रा, वरीय उपाध्य्क्ष मुकेश पाण्डेय , उपाध्य्क्ष जग्गू महतो, टिंकू सरकार, कोषाध्य्क्ष प्रेम ठाकुर, एजाज अली ,सचिन ठाकुर, जितेंद्र  कुमार आदि उपस्थित थे।

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