आईएनएसटी वैज्ञानिकों ने रेमाटायड अर्थराइटिस की तीव्रता को कम करने के लिए नैनोपार्टिकल का प्रतिपादन किया

0

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक स्वयात्तशासी संस्था नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) के वैज्ञानिकों ने चिटोसन के साथ नैनोपार्टिकल का प्रतिपादन किया है और रेमाटायड अर्थराइटिस की तीव्रता को कम करने के लिए जिंक ग्लुकोनेट के साथ इन नैनोपार्टिकल्स को लोड कर दिया है।

जिंक तत्व सामान्य हड्डी होमियोस्टैसिस को बनाये रखने के लिए अहम होता है और ऐसा बताया जाता है कि इसका लेवल रेमाटायड अर्थराइटिस रोगियों एवं अर्थराइटिस-प्रेरित पशुओं में कम हो जाता है। ऐसा भी ज्ञात हुआ है कि जिंक ग्लुकोनेट के रूप में जिंक के ओरल स्पलीमेंटेशन की मानवों में बहुत कम जैव उपलब्धता होती है।

चिटोसन एक बायोकम्पैटेबल बायोडिग्रेडेबल प्राकृतिक पोलीसैकेराइड होता है जो क्रस्टासीयन के एक्सोस्केलटन से प्राप्त सर्वाधिक प्रचुर बायोपॉलीमर्स में से एक है, जिसने अवशोषण को बढ़ावा देने वाले अभिलक्षणों को प्रदर्शित किया है। आईएनएसटी की टीम ने विशेष रूप से चिटोसन का चयन किया है क्योंकि यह बायोकम्पैटेबल, बायोडिग्रेडेबल, गैर-विषैला होता है तथा इसकी प्रकृति मुकोएडेसिव होती है। ‘मैग्नेसियम रिसर्च‘ जर्नल में पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट ने प्रदर्शित किया कि चूहों में इंट्रापेरिटोनियल खुराक के बाद, मानक रूप में जिंक ऑक्साइड का परिणाम सेरम जिंक लेवल में मामूली बढोत्‍तरी के रूप में आया जबकि नैनो रूप में इसका परिणाम उल्लेखनीय रूप से उच्च सेरम जिंक लेवल के रूप में सामने आया और इस प्रकार इसने जिंक की जैव उपलब्धता को बढ़ा दिया। इसने आईएनएसटी की टीम को जिंक ग्लुकोनेट के नैनोप्रतिपादन के विकास के लिए प्रेरित किया।

हाल के दिनों में चिटोसन नैनोपार्टिकल्स के प्रतिपादन के लिए आयोनिक गेलेशन पद्धति का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है जिनमें चिकित्सकीय रूप से सक्रिय विभिन्न फार्माकोलोजिकल कारक निहित हो सकते हैं। एसीएस बायोमैटेरियल्स साईंस एंड इंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित डीएसटी-विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) तथा डॉ. रेहान खान के नेतृत्व में डीएसटी- नैनोमिशन समर्थित अध्ययन ने जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स की जिंक ग्लुकोनेट के फ्री फॉर्म पर उच्च प्रभावोत्पादकता का विश्लेषण किया है।

टीम ने डबल डिस्टिल्ड पानी में चिटोसन और सोडियम ट्रिपोलिफॉस्फेट का उपयोग करते हुए जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स तैयार किया और इसके साथ-साथ जिंक ग्लुकोनेट को चिटोसन नैनोपार्टिकल्स के सिंथेसिस के साथ जोड़ दिया गया। नैनोपार्टिकल्स का विभिन्न फिजियोकैमिकल गुणों के लिए अभिलक्षण किया गया और फिर विस्टर चूहों में कोलाजेन प्रेरित अर्थराइटिस के खिलाफ एंटी-अर्थराइटिक क्षमता की जांच की गई। उन्होंने पाया कि जिंक ग्लुकोनेट एवं जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स दोनों के साथ चूहों के उपचार ने जोड़ में सूजन, इरिथेमा एवं एडिमा में कमी लाने के जरिये अर्थराइटिस की तीव्रता को घटा दिया लेकिन जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स ने उच्च प्रभावोत्पादकता प्रदर्शित की। टीम ने जैव रसायन विश्लेषण, हिस्टोलॉजिकल पर्यवेक्षण एवं इंफ्लेमेटरी मार्कर्स के इम्युन हिस्टोकेमिकल अभिव्यक्ति जैसे विभिन्न मानकों का आकलन किया तथा सुझाव दिया कि जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स ने जिंक ग्लुकोनेट के फ्री फॉर्म की तुलना में बेहतर उपचारात्मक प्रभाव प्रदर्शित किए हैं। उन्होंने इसकी वजह जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स की इंफ्लेमेटरी क्षमता बताई।

डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा, ‘ नैनो जैव प्रौद्योगिकी उन समस्याओं के लिए कई प्रभावी समाधान उपलब्ध कराती है जिन्हें पारंपरिक फार्मास्युटिकल प्रतिपादन अक्सर प्रभावी ढंग से हल करने में सक्षम नहीं हो पाते जैसे कि दवाओं को निरंतर और लक्षित तरीके से जारी करना, जैव उपलब्धता, दवाओं एवं न्यूट्रास्युटिकल्स की प्रभावोत्पादकता आदि। आईएनएसटी, मोहाली में विकसित जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स का नैनोप्रतिपादन रेमाटायड अर्थराइटिस के लिए उत्कृष्ट उपचार का एक रचनात्मक उदाहरण है।’

Description: http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image003P6JX.gif

(प्रकाशन:

अंसारी एमएम, अहमद ए, मिश्रा आरके, रजा एसएस, खान आर. जिंक ग्लुकोनेट लोडेड चिटोसन नैनोपार्टिकल्स विस्टर चूहों में कोलाजेन प्रेरित अर्थराइटिस की तीव्रता को घटा देते हैं। एसीएस बायोमैटेरियल्स साईंस एवं इंजीनियरिंग. 2019 मई 27, 5 (7): 3380-3397. https://doi.org/10.1021/acsbiomaterials.9b00427

अधिक विवरण के लिए कृपया संपर्क करें डॉ. रेहान खान ([email protected],0172 – 2210075)]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed