आजसू छात्र संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर विश्वविद्यालय गेट पर एक दिवसीय धरना दिया

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चंदन पाल की रिपोर्ट

विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के गेट के पास विभिन्न मांगों को लेकर आजसू छात्र संघ के द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया। इसे लेकर जब हमने आजसू छात्र संघ बीबीएमकेयू इकाई के अध्यक्ष विशाल महतो से बात की तो उसने बताया की आजसू पार्टी के बैनर तले चरणबद्ध तरीके से सात सूत्री मांगो को लेकर धरना दिए है जिसमे मुख्य रूप से जो मांग है उसमे ज्वलंत मुद्दा है की झारखंड सरकार के द्वारा शिक्षक बहाली किया जा रहा है उसके लिए दो जेनरिक पेपर की मांग की गयी है लेकिन विश्वविद्यालय के द्वारा इसे नही पढ़ाया गया वही विश्वविद्यालय के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि विशेष परीक्षा लिया जाएगा।

वही विनोवा भावे विश्वविद्यालय में इसको लेकर ऑनलाइन फॉर्म भरा जा रहा है। रांची विश्वविद्यालय में एग्जाम तक हो गया है पर बीबीएमकेयू के द्वारा कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं किया गया है। वही विनोबा भावे विश्वविद्यालय का कहना है की 2015 से 2018 का जो सत्र है उसमे धनबाद जिला वा बोकारो जिला के छात्रों का फॉर्म नहीं भरेंगे साथ ही इस से पहले सत्र के बच्चे जिनका एग्जाम चाहे विनोबा भावे विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण हो या बीबीएमकेयू से उत्तीर्ण हो धनबाद वा बोकारो जिला के छात्र को फॉर्म भरने नहीं दिया जाएगा। इसके बौजुद भी बीबीएमकेयू के द्वारा कोई अधिसूचना जारी नही किया गया है।

राज्य सरकार के द्वारा वेकेंसी आ गयी है लेकिन यूनिवर्सिटी से एग्जाम को लेकर कोई अधिसूचना नहीं आया है ऐसे में छात्र परेशान है।विश्वविद्यालय इसके लिए अधिसूचना जारी कर निर्णय ले की कौन सा विश्विद्यालय जेनरिक पेपर का एग्जाम लेंगे। वहीं पूर्व में हुए सेमेस्टर एक के एग्जाम में 70% से ज्यादा छात्रा फेल हो गए थे जिसके बाद यूनिवर्सिटी के द्वारा ₹350 पर स्टूडेंट वोकेशनल पेपर एवं शिक्षक बहाली के नाम पर लिया गया था लेकिन महाविद्यालय में एक भी शिक्षक बहल नहीं किया गया है और बिना पढ़ाए छात्रों को एग्जाम के अधिकार में धकेल दिया गया जिसके परिणाम स्वरूप 30000 छात्र फेल हो गए। वहीं ₹350 कर के 30000 छात्रों से जो पैसा लिए गया और उसका घोटाला किया गया उसका हिसाब विश्वविद्यालय दे साथ इसकी जांच हो।

बीएड के क्वेश्चन पेपर में आए 5 एमसीक्यू क्वेश्चन को हमारे द्वारा विभिन्न विभिन्न महाविद्यालयों में भेजा गया और उनसे जवाब लिया गया जिसकी जांच करने पर पता चला की सभी उत्तर एक दूसरे से अलग है जिस से यह साबित होता है की क्वेश्चन पेपर कोई सही तरीके से नहीं सेट किया गया था या फिर हम दूसरे शिक्षा प्रणाली में धकेला जा रहा है।वही बीए सेमेस्टर 2 का मूल्यांकन कार्य की उच्च स्तरीय जांच किया जाए।

इसके अलावा कोयलांचल के क्षेत्रीय भाषा खोरठा, संथाली और कुरमाली भाषा की मांग लगातार करते आए है जिसके लिए एक आवाज नही किया गया है वही उड़िया भाषा को यहां थोपने का कार्य कर रही है जिसका हमारे द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है।एक सूचना मिला है कि हमारे द्वारा किए जा रहे प्रयास के बाद विश्वविद्यालय में किए जा रहे उड़िया शिक्षक की बहाली पर राजभवन के द्वारा रोक लग दिया गया है।साथ ही विशाल महतो ने विश्वविद्यालय आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में सिर्फ और सिर्फ चोरी, दलाली,और भ्रष्टाचार किया जा रहा और छात्रों के मुद्दो से कोई मतलब नहीं है।

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