आमाघाटा में सरकारी भूमि को किया अतिक्रमण से मुक्त

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आमाघाटा मौजा में कई सरकारी भूमि को जिला प्रशासन ने अतिक्रमण से मुक्त कराया।

अभियान के दौरान मौके पर उपस्थित उपायुक्त श्री उमाशंकर सिंह ने कहा कि आमाघाटा मौजा में लगभग 400 से 500 करोड़ की बेशकीमती सरकारी जमीन को अतिक्रमणकारियों ने अपने कब्जे में ले रखा था। अंचल कार्यालय से मिलकर शहर के बीचोंबीच स्थित इस जमीन के 74 अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजा गया था। इसमें से 44 लोगों ने अपने कागजात को प्रस्तुत नहीं किया था। इसलिए आज 44 अतिक्रमण को तोड़ने का अभियान चलाया गया।

उपायुक्त ने कहा वर्ष 2010-11 के बीच धड़ेल्ले से यहां पर अतिक्रमण किया गया है। इस पूरे नेक्सेस में शामिल अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मी व अन्य कर्मी पर एडीएम लॉय एंड ऑर्डर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन का अतिक्रमण होने से जनता को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है क्योंकि सरकार द्वारा बड़ी परियोजना की घोषणा होने पर जमीन नहीं मिलती है और जनता अपने हक से वंचित रह जाती है।

उपायुक्त ने कहा कि अतिक्रमणकारियों को पिछले 20 दिन से अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया परंतु 74 में से केवल 30 लोगों ने अपना पक्ष रखा। अंचल कार्यालय में 30 लोगों के द्वारा प्रस्तुत कागजात की जांच होगी। यदि उनकी जमाबंदी सही होगी तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अन्यथा यह अभियान जारी रहेगा और धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी ऐसा ही अभियान चलाया जाएगा।

जिला प्रशासन का विरोध करने वाले पत्थरबाजों पर उपायुक्त ने कहा कि भू माफिया अपने गुनाह को छिपाने के लिए निर्दोष लोगों को जिला प्रशासन के सामने खड़ा कर देते हैं लेकिन जिला प्रशासन इससे डरने वाला नहीं है। आज 5 – 6 जेसीबी लगाकर अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया है और आने वाले कुछ समय में शत प्रतिशत भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया जाएगा। पत्थरबाजी में शामिल कुछ अतिक्रमणकारियों को पुलिस हिरासत में लेकर उन पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

घटनास्थल पर अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था श्री चंदन कुमार, अपर समाहर्ता श्री श्याम नारायण राम, अनुमंडल पदाधिकारी श्री सुरेन्द्र कुमार, अंचल अधिकारी श्री प्रशांत लायक एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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