इंडस्ट्री एंड कॉमर्स धनबाद की 28 वीं वार्षिक आमसभा संपन्न
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हार्डकोक उद्यमियों के संगठन इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के 88वें एजीएम में बुधवार को एसोसिएशन की ओर से मौजूदा कोयला वितरण नीति की मुखालफत की गई।
आरोप लगाया गया कि कोल इंडिया एवं बीसीसीएल को हार्डकोक उद्योग की चिंता नहीं है। कोयला मंत्रालय तक बात पहुंचाई गई लेकिन कोई पहल नहीं हुई। हार्डकोक उद्योग कोयले की कमी के कारण संकट में है।
एसोसिएशन अध्यक्ष बी एन सिंह ने वार्षिक आम सभा(एजीएम) को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार कोयला आयात पर रोक की बात करती है तो दूसरी तरफ हार्डकोक जैसे स्थानीय कोयला आधारित उद्योग को कोयला नहीं मिल रहा। आयातित कोयले के भरोसे उद्योग है।
मौजूदा स्थिति में हार्डकोक उद्योग अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रहा है। किसी विशेष व्यवहार की सरकार से अपेक्षा नहीं रखते लेकिन इतना तो जरूर कहना चाहेंगे कि हार्डकोक उद्योग को बचाने के लिए सरकार की ओर से कुछ न कुछ न कुछ कदम उठाया जाना चाहिए। कहा गया कि धनबाद जैसे कोयलाबहुल क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार सृजन करने वाला उद्योग हार्डकोक है। जब लिंकेज में कोयला मिलता था तब हार्डकोक उद्योग काफी फला फुला। अब गलत नीति के कारण ऑक्शन (लिंकेज ऑक्शन) कर दिया गया। उक्त नीति से उद्योग बरबादी की ओर है। कोयला व्यापारियों के समकक्ष हार्डकोक उद्यमियों को खड़ा कर दिया गया है। पहले कांग्रेस और अब भाजपा की सरकार ने नीतियों में बदलाव कर हार्डकोक को नुकसान पहुंचाया है। अपरोक्ष्ज्ञ रूप से बीसीसीएल में सक्रिय आऊटसोर्सिंग कंपनियों पर भी कोयले की गुणवत्त को लेकर सवाल उठाया गया। कोयला के अलावा अन्य नीतियां भी हैं जिनसे उद्योग प्रभावित है। वरीय उपाध्यक्ष एस के सिन्हा, रतन लाल अग्रवाल ने भी संबोधित किया। संचालन प्रमोद पाठक ने किया।