ई-समाधान पोर्टल पर 81.15% शिकायतों का निष्पादन
89.8% शिकायतों का निपटारा करने के लिए डीएसओ सम्मानित
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पता चलता है कौन अधिकारी है कितना सक्रिय
आम लोगों की विभिन्न शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी एवं समयबद्ध तरीके से निवारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह के निर्देश पर डीएमएफटी-पीएमयू टीम द्वारा विकसित ई-समाधान पोर्टल पर 81.15% शिकायतों का निष्पादन किया गया है।
ई-समाधान का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए उपायुक्त ने कहा कि विगत 10 नवंबर 2020 को इसकी शुरुआत की गई थी। शुरुआत के बाद आम जनों की सुविधा के लिए इसमें नया होमपेज विकसित किया गया है। इसके माध्यम से शिकायतों के निष्पादन की रियल टाइम स्थिति का अवलोकन कोई भी व्यक्ति बिना लॉग-इन किए कर सकता है।
इसमें दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा स्वयं उपायुक्त हर 15 दिन पर वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से करते हैं। उपायुक्त के अधीन एक स्पेशल टीम नियमित रूप से सभी शिकायतों की समीक्षा करती है। हर शिकायत के निष्पादन के लिए एक समय सीमा और प्राथमिकता तय करती है। शिकायत की गंभीरता के आधार पर विस्तार से चर्चा करने के लिए शिकायतकर्ता को सीधे जनता दरबार में आमंत्रित कर सकती है।
उन्होंने बताया कि कि 10 नवंबर 2020 से 10 जनवरी 2021 तक कुल 1788 शिकायतें दर्ज की गई है। जिसमें 81.15% (1451) शिकायतों का निष्पादन कर दिया गया है।
89.8% शिकायतों का निपटारा करने के लिए डीएसओ सम्मानित
बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए उपायुक्त ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री भोगेंद्र ठाकुर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। श्री ठाकुर ने 182 शिकायतों में से 135 (89.8%) शिकायतों का निष्पादन किया। उन्होंने कुछ शिकायतों को तय समय-सीमा से पूर्व ही निष्पादित किया।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पता चलता है कौन अधिकारी है कितना सक्रिय
उपायुक्त ने कहा कि इस पोर्टल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पता चल जाता है कि कौन अधिकारी कितनी देर के लिए एवं कितने दिनों तक पोर्टल पर लगातार सक्रिय रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुल प्राप्त शिकायतों का 60% से अधिक अनुपालन करने वाले विभाग या कार्यालय, निर्धारित समय सीमा में शिकायतों का निष्पादन, समय सीमा से पूर्व शिकायतों का निष्पादन तथा ई समाधान पोर्टल पर सक्रिय रहने वाले पदाधिकारियों को हर माह सम्मानित किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 के फैलाव से बचाव के लिए सभी स्तरों पर सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली या जनता दरबार पर रोक लगाई गई थी। सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोगों को अपनी शिकायतों को लेकर जिला मुख्यालय तक आना पड़ता था। जिससे उन्हें शारीरिक एवं आर्थिक परेशानी भी होती थी। मजदूर वर्ग को अपने एक दिन की मजदूरी खोनी पड़ती थी।अधिकारियों के लिए व्यावहारिक रूप से कई बार आम जनों की शिकायतों के निवारण एवं ट्रैकिंग में परेशानी होती थी। नागरिकों के लिए भी शिकायतों के निवारण और उसकी वास्तविक स्थिति को जान पाना मुश्किल होता था। इन्हीं सब कारणों से ई-समाधान पोर्टल को विकसित किया गया है।
पत्रकार वार्ता में उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह, जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री भोगेंद्र ठाकुर, कार्यपालक दंडाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी दीपमाला, अदिति सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल, डीएमएफटी ऑफिसर श्री शुभम सिंघल उपस्थित थे।