उज्जवला योजना से वंचित हैं महादलित लोग

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उज्जवला योजना से वंचित हैं महादलित लोग
डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
देश की विकास, राज्य की विकास एवं पंचायतों का विकास। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विकास के दावे कितने सही हैं इससे जिले के महादलित बस्तियों में साफ-साफ देखा जा सकता है।
जहां करीब-करीब घरों में आज भी लकड़ियों से खाना बनाया जाता है। वहां उज्जवला योजना का नामोनिशान तक नहीं दिखता।
सबको मालूम है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा “स्वच्छ इंधन, बेहतर जीवन”के नारे के साथ एक सामाजिक कल्याण योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई वर्ष 2016 में की गई थी। जिसका उद्देश्य एलपीजी गैस के उपयोग में वृद्धि के साथ स्वास्थ्य संबंधी विकार, वायु प्रदूषण एवं वनों के अवैध कटाई को कम करने को था।
जिसे गरीबी रेखा से नीचे बसर कर रहे लोगों को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध किया जाना था परंतु जिले के कजरा क्षेत्र में खैरा बिशनपुर मदनपुर आजाद नगर चौहान मुसहरी नैना बगीचा बेलोंन्जा सहित दर्जनों महादलित टोले में शायद ही उज्जवला योजना का लाभ मिला हो। आजाद नगर निवासी प्रमोद मान्झी ने इस बाबत बताया कि उनकी बस्ती में करीब डेढ़ सौ महादलित घर हैं जिनमें से उज्जवला योजना के बारे में किसी को भी पता नहीं है। ऐसे में इन बस्तियों में निवास करने वाले महादलित यहां के जंगलों से सूखी लकड़ियां लाकर चूल्हा जलाते हैं जो अत्यंत ही श्रम का कार्य है। जानकारों को माने तो सूखी लकड़ियों के अभाव में ये मजबूरीवश हरे वृक्ष को भी काट डालते हैं। जिससे इन इलाकों में प्रधानमंत्री का उज्जवला योजना का उद्देश्य टाय टाय फिश नजर आता है।

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