उपायुक्त ने की निजी चिकित्सा संस्थान संचालकों के साथ ऑनलाइन बैठक

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निर्देश के आलोक में तैयारियों की हुई समीक्षा

आपदा के समय प्रशासन को सहयोग नहीं करने पर होगी कठोरतम कार्रवाई

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद द्वारा धनबाद जिला अंतर्गत कार्यरत सभी निजी चिकित्सा संस्थानों को अपने संस्थान अंतर्गत कुल उपलब्ध आईसीयू एवं नॉन आईसीयू बेड़ों का न्यूनतम 50% बेड कोविड मरीजों के समुचित उपचार हेतु आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है।

इस संबंध में उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद श्री उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को जिले के सभी निजी चिकित्सा संस्थान संचालकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की गई।

बैठक में उपायुक्त ने जिला अंतर्गत कार्यरत निजी चिकित्सा संस्थानों के रवैये पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा के समय लोगों की जान बचाना सबसे आवश्यक कार्य है। ऐसी घड़ी में सभी का सहयोग अनिवार्य है। सहयोग नहीं प्रदान करने वाले संस्थानों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

दरअसल मंगलवार को ऑनलाइन बैठक के दौरान उपायुक्त ने जिला अंतर्गत कार्यरत सभी चिकित्सा संस्थानों के संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि राज्य सरकार द्वारा निर्गत निर्देश के आलोक में बुधवार तक सभी अस्पताल अपने अपने संस्थान में कुल उपलब्ध बेड क्षमता का न्यूनतम 50% बेड कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु आरक्षित करना सुनिश्चित करें।

आज की ऑनलाइन बैठक में जिले के 100 से अधिक अस्पतालों के प्रबंधक उपस्थित थे। परंतु मात्र 41 अस्पतालों ने ही इस संबंध में तैयारियां पूर्ण कर कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु आरक्षित बेड़ों की सूचना उपलब्ध कराई।

इस पर उपायुक्त ने सभी को सख्त चेतावनी देते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना सभी के लिए अनिवार्य है। किसी भी परिस्थिति में सभी अस्पतालों को अपनी कुल क्षमता का 50% बेड संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु आरक्षित करना है।

उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में सभी का सहयोग अपेक्षित है। सभी संस्थानों को जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करना होगा। निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने कहा की आईसीएमआर द्वारा निर्धारित कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकोल के अनुरूप सभी मरीजों का इलाज सुनिश्चित करना है। मरीजों के उपचार में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। सभी अस्पतालों का बीडीओ, सीओ एवं एमओआईसी द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय लोगों की जान बचाना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है। अतः हमें अपने पारंपरिक तौर तरीकों में बदलाव करके निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप संक्रमित मरीजों का उपचार सुनिश्चित करना है।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सब मिलकर इस वैश्विक महामारी से लड़ सकते हैं तथा जिले के लोगों को उचित स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध करा सकते हैं।

इन अस्पतालों ने बेड किये आरक्षित

आलम नर्सिंग होम, आम्रपाली सिटी अस्पताल, आरोग्य नर्सिंग होम, अशर्फी अस्पताल, एशियन चालान अस्पताल, चक्रवर्ती नर्सिंग होम, चौधरी नर्सिंग होम, धनबाद नर्सिंग होम, जिम्स अस्पताल, हील मैक्स हॉस्पिटल, हेल्थी लाइफ केयर हॉस्पिटल, होप क्लिनिक एंड मेटरनिटी सेंटर, आईकॉन क्रिटिकल केयर, जिमसार हॉस्पिटल, जेपी हॉस्पिटल, कैलाश हॉस्पिटल, लाइफ लाइन हॉस्पिटल, नामधारी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, ओम साई हॉस्पिटल, निचीतपुर अस्पताल, पार्क क्लिनिक, पाटलिपुत्र नर्सिंग होम, प्रगति नर्सिंग होम, आरसी हाजरा अस्पताल, राज क्लिनिक, राजेश्वरी नर्सिंग होम, साधना हॉस्पिटल, साईं सेवा सदन, संजीवनी नर्सिंग होम, सर्वमंगला नर्सिंग होम, सावित्री सर्जिकेयर, पंडित नर्सिंग होम, संजीवनी नर्सिंग होम, सूर्योदय नर्सिंग होम, यश्लोक नर्सिंग होम, ट्विंकल नर्सिंग होम, बालाजी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मां अंबे हॉस्पिटल, आशा हॉस्पिटल, हाइटेक हॉस्पिटल एवं टाटा सेंट्रल हॉस्पिटल।

बैठक में उपायुक्त श्री उमाशंकर सिंह, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी श्री संजय झा, डीएमएफटी पीएमयू के श्री शुभम सिंघल एवं श्री नितिन पाठक सहित अन्य लोग उपस्थित रहे

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