उपायुक्त ने दिया जलापूर्ति को तत्काल प्रभाव से बहाल करने का आदेश
उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद, श्री उमा शंकर सिंह झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार, धनबाद (झमाडा) के प्रबंध निदेशक को जलापूर्ति एवं जल संयंत्रों का कार्य तत्काल प्रभाव से बहाल करने का आदेश दिया है। उपायुक्त ने कहा कि जल मूलभूत आवश्यक सुविधा है। आपदा के समय में उसे बाधित करना भारत सरकार तथा झारखंड सरकार के निर्देशों का उल्लंघन है।
उपायुक्त ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संघ, जो जलापूर्ति का कार्य (जामाडोबा एवं अन्य जल संयंत्रों में) बहाल करने में बाधा उत्पन्न करते हैं तो उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस आदेश को गंभीरता से लेने को कहा है। साथ ही प्रबंध निदेशक को कर्मियों से समन्वय स्थापित कर समस्या के निराकरण के लिए प्रयासरत रहने का निर्देश दिया है।
वहीं प्रबंध निदेशक, झमाडा ने उपायुक्त को बताया कि 29 जुलाई की मध्य रात्रि से कार्य बहिष्कार कर जलापूर्ति बाधित की गई है। झमाडा के निदेशक ने मोहम्मद असलम तथा श्री विशेश्वर महतो को वार्ता के लिए बुलाया था। परंतु वे अनुपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि कर्मियों का एक माह का वेतन का चेक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मुख्य शाखा, बैंक मोड में दिया गया है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण बैंक की शाखा सील है इसलिए भुगतान नहीं हो पाया है।