एनपीपीए कोविड -19 पल्स ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों की मूल्य वृद्धि की निगरानी और देश में इनकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है

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सरकार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर देश में कोविड-19 के नैदानिक ​​प्रबंधन के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएच एंड एफडब्ल्यू)ने इसके लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों की सूची बनाई है और देश में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) से अनुरोध किया है।

सरकार उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर जीवन रक्षक दवाओं/उपकरणों की उपलब्धता के लिए प्रतिबद्ध है। सभी चिकित्सा उपकरणों को दवा के रूप में अधिसूचित किया गया है और इन्हें 1 अप्रैल, 2020 से ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम,1940 और दवा (मूल्य नियंत्रण आदेश) के नियामक व्यवस्था के तहत रखा गया है। एनपीपीए ने जरूरी चिकित्सा उपकरणों की मूल्य वृद्धि पर नजर रखने के लिए डीपीसीओ, 2013 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए (i) पल्स ऑक्सीमीटर और (ii) ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के निर्माताओं / आयातकों से मूल्य संबंधित आंकड़ें मंगाए है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 1 अप्रैल,2020 की मौजूदा कीमत में एक वर्ष में 10% से अधिक की बढ़ोतरी ना हो सके।

चिकित्सा उपकरण उद्योग संघों और सिविल सोसाइटी समूह के साथ एनपीपीए में 1 जुलाई 2020 को हितधारकों से विचार-विमर्श आयोजित किया गया था जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि जरूरी चिकित्सा उपकरणों केसभी निर्माता / आयातक देश में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। यह बार-बार कहा गया है कि 1 अप्रैल 2020 से सभी चिकित्सा उपकरण डीजीसीओ,2013 के तहत मूल्य विनियमन के अंतर्गत आ चुके हैं। इसलिए चिकित्सा उपकरणों की कीमत में वृद्धि पर इसके पैरा 20 के तहत नजर रखी जाएगी। एनपीपीए के अध्यक्ष ने उद्योग से यह भी आग्रह किया कि यह “सामान्य रूप से चलने वाला व्यवसाय” नहीं है और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल में मुनाफाखोरी करने का भी समय नहीं है। इस परामर्श बैठक में चिकित्सा उपकरण उद्योग संघों से आग्रह किया गया है कि वे मौजूदा स्थिति में जनहित में जरूरी चिकित्सा उपकरणों के खुदरा मूल्य को कम करें जैसा कि एन-95 मास्क के निर्माताओं / आयातकों ने किया है।

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण,

औषधि विभाग,रसायन और उर्वरक मंत्रालय,

भारत सरकार

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