एमएसएमई मंत्रालय ने देश में एमएसएमई को सहायता प्रदान करने के लिए अपने एकल खिड़की प्रणाली पोर्टल ‘चैंपियंस’ को मजबूती प्रदान करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) की शुरुआत की है

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मंत्रालय द्वारा एमएसएमई से संबंधित मुद्दों और शिकायतों का शीध्र और प्रभावी समाधान करने के लिए एआई और एमएल उपकरणों को लागू किया गया हैPosted Date:- Oct 14, 2020

मंत्रालय के चैंपियन पोर्टल पर निम्नलिखित लिंक “एआईकॉर्नर” पर एआई और एमएल एनालिटिक्स को देखा जासकता है https://champions.gov.in/msme_grievances/news_opinion/analytics.htm

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा एक बड़ी पहलकरते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) केमुद्दों पर सहायता एवं समाधान प्रदान करने के उद्देश्य सेआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग(एमएल) के नवीनतम आईटी उपकरणों को लागू कियागया है। मंत्रालय द्वारा एआई और एमएल को अपनीमजबूत एकल खिड़की प्रणाली ‘चैंपियंस’ पर लागू कियागया है, जिसे प्रधानमंत्री ने 1 जून, 2020 को जारी कियाथा।

यह बहु-उद्देश्यीय प्रणाली वर्चुअल स्तर पर एक पोर्टल हैऔर देश के लगभग 69 स्थानों पर इसके प्रौद्योगिकीसुसज्जित फिजिकल नियंत्रण कक्ष मौजूद हैं। यह बहुतही कम समय में एमएसएमई के लिए अग्रिम प्लेटफार्मों मेंसे एक के रूप में उभर कर सामने आया है।

एमएसएमई मंत्रालय ने कोविड-19 को एक चुनौती केरूप में लिया है और भविष्य के हस्तक्षेपों के साथ इसे एकअवसर के रूप में परिवर्तित कर रहा है। इस कठिन दौर मेंमंत्रालय द्वारा न केवल तहे दिल से एमएसएमई कासमर्थन प्रदान किया जा रहा है एवं इस संकट को एकअवसर के रूप में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है बल्कि वास्तव में उनकी बाधाओं को समाप्त करते हुएऔर उनके प्रतिमानों को परिवर्तित करते हुए उन्हें चैंपियनबनाया जा रहा है।

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आगे कहा गया है कि वह देशऔर एमएसएमई को उद्योग 4.0 की दिशा में लेकर जानेकी दिशा में पूरी तत्परता के साथ से काम कर रहा है। वेन केवल उद्योग 4.0 के रूप में वर्गीकृत प्रौद्योगिकियों कोअपना रहे हैं बल्कि एमएसएमई को इसे अपनाने के लिएप्रोत्साहित भी कर रहे हैं। वे एमएसएमई को सेंसर, मोटर्स, कंप्यूटर डिस्प्ले और अन्य एनिमेशन प्रौद्योगिकियों जैसेआवश्यक और सक्षम उत्पादों का निर्माण करने मेंसहायता भी प्रदान कर रहे हैं।

इस क्रम में, जैसा कि पहले ही वादा किया गया था, मंत्रालय द्वारा अपने चैंपियंस पोर्टल पर आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) को लागूकिया गया है। इस कार्य में टेक्नोलॉजी कंपनी, इंटेलउनकी सहयोगी है। पिछले पांच महीनों मेंइंटेल ने एआईऔर एमएल के कुछ उपकरणों को लागू करने में मंत्रालयका मार्गदर्शन किया है, जो कि आज से उपयोग में आने केलिए तैयार हो चुके हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इंटेलऔर उसकी प्रौद्योगिकी साझेदार ने मंत्रालय के चैंपियंसपोर्टल पर एआई और एमएल के पूरे डोमेन को निःशुल्करूप से लागू किया है।

एमएसएमई मंत्री, नितिन गड़करी ने आज इंटेल द्वाराआयोजित किए गए एआई शिखर सम्मेलन में इस संदर्भमें मंत्रालय द्वारा किए गए कार्यों को विस्तारपूर्वक बताया।उन्होंने इंटेल और उसके सहयोगी का ‘इंडिया प्रो-बोनो’ केलिए यह सेवा प्रदान करने के लिए विशेष रूप से आभारव्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि एनआईसी कीसहायता से और इंटेल की स्थानीय टीम के मार्गदर्शन में, मंत्रालय में आंतरिकरूप से ही संपूर्ण अवधारणा, कार्यक्षेत्रविश्लेषण और डिजाइन को अंजाम दिया गया है। उन्होंनेतहे दिल से इन टीमों  का धन्यवाद दिया।

आर्टिफिशियलइंटेलिजेंसकेबारेमें

•एआई मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, कार्य करनेऔर सीखने में सक्षम बनाने की एक सोच है।

•इसमें मशीनों को सीखने, अनुकूल और सक्षम बनाने कीक्षमता है जो “नियम आधारित (एमआईएस) ऑटोमेशन”नहीं कर सकते हैं।

इस चरण में, जिन्हें आज लागू किया गया है:

  1. एआई ने एमएसएमई मंत्रालय को एमएसएमई सेसंबंधित अपनी नीतिगत कार्रवाई करने के लिएफेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, ब्लॉग, फोरम औरऑनलाइन समाचारों के माध्यम से सोशल मीडियाअंतर्दृष्टि प्रदान करना शुरू कर दिया है जो समग्र रूपसे हमारे पास उपलब्ध नहीं थे।
  2. मंत्रालय का कहना है कि अब तक हम शिकायतों कानिवारण करने के लिए अपने चैंपियंस पोर्टल केमाध्यम से आने वाली शिकायतों और आंकड़ों पर हीनिर्भर रहते थे। अब, हम पूरे एमएसएमई क्षेत्र कीनब्ज की पहचान करने में सक्षम बन चुके हैं, यहां तककि हितधारकों द्वारा हमारे पोर्टल पर गए बिना ही।
  3.  मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अबरीयल-टाइम में एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े हुए या उसपर निर्भर करने वाले लोगों की भावनाओं कोसमझना संभव हो सकेगा।
  4. इसके अतरिक्त, एआई उपकरण डेटा-संचालितअंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं जो समझने में बहुत आसानहोते हैं। वे कई प्रकारों से डेटा को स्लाइस और डाइसकर सकते हैं जो सूचना प्रबंधन प्रणालियों(एमआईएस) के पारंपरिक साधनों में उपलब्ध नहींहैं।
  5. यह न केवल हमारे विशेषज्ञों को बल्कि साधारणकर्मचारियों को भी आसानी से कार्रवाई योग्य बिंदुओंकी खोज करने में सक्षम बनाता है।
  6. एक अधिकारी के अनुसार, डेटा एनालिटिक्स कोकेंद्रीय स्तर (हब स्तर) की टीमों के साथ रीयल-टाइमलाइव-डेटा लिंक के रूप में आसानी से साझा कियाजा सकता है और पूरे भारत में फैले हुए चैंपियंसकंट्रोल रूम से बात किया जा सकता है।
  7. मंत्रालय का मानना है कि अभी के बाद से विश्लेषणके लिए डेटा तैयार करने वाला थकाऊ काम एआईद्वारा किया जाएगा; इस प्रकार से, मानव संसाधनों मेंलोगों को अधिक उत्पादक के कार्यों में संलग्न करनेके लिए इन कार्यों से मुक्ति मिलेगी।

मंत्रालय ने कहा कि इन भावनाओं और संभावनाओं केसाथ, वर्तमान में इनकी शुरूआत कर दी गई है:

•अंतर्दृष्टिप्राप्त करने के लिए एआई और एनालिटिक्सप्रौद्योगिकी के साथ अपने चैंपियंस पोर्टल को सक्षम औरउपयुक्त बनाना;

•यह उन्हें रीयल-टाइम में मुद्दों को समझने में सहायताप्रदान करेगा,जिनमें व्यापक रूप से उपलब्ध सोशल मीडिया एवं ऑनलाइन डेटा के आधार पर इंफॉर्मेशनइंटेलिजेंस और भावनात्मक विश्लेषण शामिल हैं।

एक अधिकारी के अनुसार,यह इनपुट और हस्तक्षेप एकओर हमारे सूचना संसाधनों में बढ़ोत्तरी करेगा तो दूसरीओर हमारे मानव संसाधनों को मुक्त करेगा।

एमएसएमई मंत्रालय द्वार यह भी कहा गया है कि अबअगला चरण अपेक्षाकृत आसान है जिसके लिए परिक्षणकिया जा रहा है। दूसरे चरण में रीयल-टाइम शिकायतनिवारण और प्रबंधन को निर्देशित किया जाएगा। इनमेंशामिल हैं:

•एआई सक्षम चैटबॉट्स के माध्यम से नियंत्रण कक्षों और अधिकारियों के प्रदर्शन को बढ़ावा देना जिससे पोर्टल उपयोगकर्ताओं की प्रश्नोत्तरी की प्रतिक्रिया को तेजी से प्रदान की जा सके;

•चैंपियंस पोर्टल के माध्यम से प्रभावी समाधान और ज्यादा से ज्यादा हितधारकों की संतुष्टि के लिए,इसकीएकल खिड़की प्रणाली एवं शिकायत निवारण प्रणाली कोपूरे कार्यप्रवाह में रीयल-टाइम और विस्तृत विश्लेषणप्रदान करना।

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