ऑक्सीजन सिलेंडर एवं रीफिलिंग की निर्भरता को समाप्त करने के लिए

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कोरोना मरीजों का उपचार करने वाले अस्पतालों को लगाना होगा ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट

बड़ी मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन टैंक को देनी होगी प्राथमिकता

कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करने वाले निजी अस्पतालों को 45 दिनों के अंदर अपने अस्पताल में पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट इंस्टॉल करना होगा।

इस संबंध में उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद श्री उमा शंकर सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड, रांची के निर्देशानुसार (ऑक्सीजन टास्क फोर्स) ने यह स्पष्ट अनुशंसा की है कि प्रत्येक निजी अस्पताल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है, वहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर एवं रीफिलिंग की निर्भरता को समाप्त करने के लिए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट इंस्टॉल करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा इसलिए टाटा जामाडोबा अस्पताल, एशियन जालान, अशर्फी, पाटलिपुत्र नर्सिंग होम, प्रगति नर्सिंग होम, हिल मैक्स हॉस्पिटल, जिम्स हॉस्पिटल, आम्रपाली सिटी हॉस्पिटल के प्रबंधकों को 45 दिनों के अंदर अपने संस्थान में पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह निर्देश दिया है कि भविष्य के विस्तारीकरण की योजना को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन की अधिकतम उपलब्धता के आधार पर प्लांट इंस्टॉल करें। प्लांट इंस्टॉल करने के क्रम में बड़ी मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंक को प्राथमिकता दें।

उपायुक्त ने कहा कि वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों के उपचार में निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना जिला प्रशासन के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में आकस्मिक चुनौती को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा डी टाइप जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर एवं बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। परंतु यह आवश्यक है कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए दीर्घकालीन योजना बनाते हुए ऑक्सीजन टास्क फोर्स के निर्देशों के अनुसार सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट का इंस्टॉल होना अति आवश्यक है।

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