कजरा में हर्षोल्लास के साथ मनाये गये काली पूजा
डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
अषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी के अवसर पर मनाये जाने वाले जगत जननी मां काली की पूजा कजरा के वासुदेव पुर स्थित मंदिर में हर्षोल्लास के साथ वैदिक मंत्रोच्चार कर मां काली को आह्वान करते हुए मनाया गया। वहीं पुजारी सूलो झा व दर्जनों श्रद्धालूयों के साथ सुख शांति एवं समृद्धि के अलावे वर्तमान में चल रहे कोरोना काल की संकट से निपटने को लेकर नगर भ्रमण किया गया।इस बाबत जानकारी देते हुए ग्रामीण विजय सिंह ने बताया कि वासुदेव पुर में मां काली की पूजा अंग्रेज के जमाने से ही हो रही है। लोगों को आस्था है कि मां काली के कृपा से धन वैभव व निरोगी काया होगी जिससे सुखी व आनन्दीत जीवन होंगे।
उन्होंने बताया कि पूर्व में मां काली मंदिर के पुजारी ग्रामीण बालेश्वर ठाकुर थे। जिनके स्वर्गवास हो जाने के बाद मंदिर का कमान सुरेन्द्र झा उर्फ सुलो झा के हाथों में ग्रामीणों की सर्वसहमति से सौंपा दिया गया जिसका निर्वहन वे बखुबी से निभा रहे हैं।विजय ने बताया कि अषाढ़ मास शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी के अवसर पर ग्रामीण स्नानादि कर फूल अगरबत्ती लेकर मंदिर प्रांगण में जुटते हैं,और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सामुहिक रुप से मां काली की पूजा का शुभांरभ किया जाता है। जबकि भजन आरती के साथ पूजा का समापन करते हाथ में गर्भगृह नैवेद्य के साथ नगर भ्रमण किया जाता है। वहीं खीर का प्रसाद को गांव के साथ बाजार आदि में वितरित की जाती है।