कलाप्रेमियोँ ने मांगों को लेकर उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
गोड्डा कार्यालय
झारखण्ड सरकार द्वारा प्रयाग संगीत समिति और प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ की स्नातक समकक्ष उपाधि को अमान्य किये जाने के आदेश पर पुनर्विचार सम्बंधित गुहार लगाते हुए जिला के कलाप्रेमियों ने गुरुवार को उपायुक्त नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उललेख करते हुये बताया गया है कि छः साल की कठिन पढ़ाई करने के बाद अभ्यर्थियों को स्नातक समकक्ष की उपाधि हासिल होती है लेकिन राज्य सरकार ने यूजीसी के द्वारा जारी सूची में नाम नहीं होने का हवाला देते हुए इन दोनों विश्वविद्यालय की मान्यता को कटघरे में खड़ा किया है जबकि एक आरटीआई के जवाब में यूजीसी खुद लिखती है कि समकक्ष उपाधि यूजीसी नहीं तय करती बलिक यह मामला विश्वविद्यालय से संबंधित है।ं आवेदकों ने आवेदन के साथ कुल 32 संलग्नक दिए हैं जिसमें आज की तारीख में भी नवोदय विद्यालय, नेतरहाट एवं डीएवी के अलावा राँची विश्वविद्यालय, झारखण्ड सरकार पर्यटन, खेलकूद, कला. संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग द्वारा संचालित केंद्र के अलावा झारखण्ड गजेटियर में शामिल।उक्त दोनों विश्व विद्यालयों के नाम शामिल होने का हवाला देते हए उपायुक्त से शासन और प्रशासन के आदेश पर दयालुतापूर्वक पुनर्विचार का आग्रह किया है। इस अवसर पर स्वर.साधना संगीत सदन के प्राचार्य देवकुमार राय, जिला कला.संस्कृति संयोजक सुरजीत झा के अलावा कौशल किशोर मिश्रा, कौशल किशोर झा, मोण् इस्लाम, राम बिलास भारती, सुशील कुमार, गोविंद आदि उपस्थित थे।