केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन पर चर्चा की

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से असम के मुख्यमंत्री, श्री सर्वानंद सोनोवाल से राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के संबंध में चर्चा की। भारत सरकार देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, उसका फोकस लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। पेयजल की आपूर्ति एक सेवा का वितरण है, जिसमें आपूर्ति की गई जल की मात्रा, उसकी गुणवत्ता और समय-समय पर जलापूर्ति को सुनिश्चित किया जाता है, प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन (जेजेएम) का कार्यान्वयन किया जा रहा है। मिशन का उद्देश्य सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करना है यानी गांव के प्रत्येक परिवार को उनके घरों में नल का कनेक्शन प्रदान करना है।

असम की योजना, राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का कनेक्शन प्रदान करने वाले महत्वाकांक्षी लक्ष्य को 2024 तक शत-प्रतिशत पूरा करने की है। इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ राज्य में मिशन की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में इस मिशन को शीघ्र लागू करने का आश्वासन दिया गया, जिससे ग्रामीण इलाकों में घरेलू नल कनेक्शन समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराने के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके।

ग्रामीण लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए इस मिशन के महत्व पर बल देते हुए, श्री शेखावत ने मौजूदा जलापूर्ति योजनाओं को पुनःसंयोजित करने और बढ़ावा देने पर बल दिया और मौजूदा सार्वजनिक जल-प्राप्ति स्थल के माध्यम से घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए अभियान मोड में काम शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने पानी की आपूर्ति का काम भी शुरू करने का आग्रह किया जिससे घर वापस लौटे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यमंत्री से दिसंबर 2020 तक राज्य की 3,881 आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने पर पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया गया। 10 जेई/ एईएस प्रभावित जिलों के 14,725 गांवों में पाइप के माध्यम से जलापूर्ति करने का भी अनुरोध किया गया।

श्री शेखावत ने केंद्र सरकार द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता दोहराई। भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के लिए फंड उपलब्ध कराया जाता है, जो कि दिए गए नल कनेक्शनों तथा केंद्र और राज्य द्वारा अपने हिस्से के उपलब्ध कराए गए धन के उपयोग के इस्तेमाल के आधार पर दिया जाता है। जल शक्ति मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री को राज्य को 100% एफएचटीसी राज्य बनाने की दिशा में उनका पूर्ण समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया।

असम राज्य के 63.35 लाख ग्रामीण परिवारों में से केवल 1.72 लाख परिवारों को ही नल कनेक्शन प्राप्त हैं। असम में 2020-21 के दौरान, 13.15 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की योजना है।

2020-21 में, 1,407 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और राज्य के हिस्से को जोड़कर यह 2,072 करोड़ रुपये हो जाते हैं। भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर राज्य अतिरिक्त आवंटन पाने के पात्र होते है। चूंकि असम के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के अंतर्गत 1,604 करोड़ रुपये पीआरआई को आवंटित किए गए हैं और इसका 50 प्रतिशत, जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए उपयोग किया जाना है, इसलिए केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे ग्रामीण जल आपूर्ति, धूसर-जल उपचार और पुन: उपयोग के लिए इस निधि का उपयोग करने की योजना बनाएं और सबसे महत्वपूर्ण रूप से जल आपूर्ति योजनाओं के दीर्घकालिक संचालन और रख-रखाव को सुनिश्चित करने के लिए।

केंद्रीय मंत्री ने ग्राम कार्य योजनाओं को तैयार करने के साथ-साथ ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समिति/ जल समिति को ग्राम पंचायत की उप-समिति के रूप में तैयार करने पर बल दिया, जिसमें न्यूनतम 50 प्रतिशत महिला सदस्य होंगी, जो गांव में जल आपूर्ति अवसंरचना की योजना, डिजाइन, कार्यान्वयन और संचालन और रख-रखाव के लिए जिम्मेदार होंगी। सभी गांवों को ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करनी होगी, जिसमें अनिवार्य रूप से पेयजल स्रोतों का विकास/ संवर्धन, जल आपूर्ति, धूसर-जल प्रबंधन और संचालन और रख-रखाव जैसे घटक शामिल होंगे। जल जीवन मिशन को सभी गांवों में वास्तविक रूप से जन आंदोलन बनाने के लिए, सामुदायिक लामबंदी के साथ आईईसी अभियान की शुरुआत करने की आवश्यकता है।

सरकार का यह प्रयास है कि मौजूदा कोविड-19 की स्थिति के दौरान, ग्रामीण परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएं, जिससे ग्रामीण लोगों को सार्वजनिक जल-प्राप्ति स्थल से पानी लाने की परेशानी से छुटकारा मिल सके।

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