केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा- यह सोचने का वक्त है

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केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा- यह सोचने का वक्त है कि हम अगले 25 साल में क्या हासिल करना चाहते हैंश्री प्रकाश जावडेकर ने दिल्ली सहित सात स्थानों पर प्रदर्शनियों का उद्घाटन कियाPosted Date:- Mar 13, 2021केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज नेशनल मीडिया सेंटर, नई दिल्ली में एक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन द्वारा आयोजित प्रदर्शनी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के आयोजन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के व्यापक जागरूकता अभियान का हिस्सा है।इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा, यह बताने के लिए देश के सामने यह महत्वपूर्ण पल है कि आजादी के बाद से अभी तक हम कितना आगे आ चुके हैं और अगले 25 साल में हम क्या हासिल करना चाहते हैं। निश्चित रूप से ये प्रदर्शनियां इसी बारे में बताती हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बड़ी कीमत चुकाने के बाद देश ने स्वतंत्रता हासिल की थी और यह प्रदर्शनी इन बलिदानों के पीछे की कहानी का वर्णन करती है। श्री जावडेकर ने प्रदर्शनियों की स्थापना के लिए बीओसी को बधाई दी।Effective exhibitions set up by @BOC_MIB across the country will educate the populace on the ethos of freedom struggle and envision our path for next 25 years. Inaugurated 7 such exhibitions today. I invite people to visit these venues and leave with a piece of history with them. pic.twitter.com/Undtqcsjb4— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) March 13, 2021 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अमित खरे ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में बनी राष्ट्रीय समिति ने प्रत्येक मंत्रालय को लोगों को उन लोगों के बारे में शिक्षित करने की दिशा में काम करने के लिए कहा है, जिन्होंने स्वाधीनता संग्राम में योगदान किया था। सचिव ने कहा कि इन प्रदर्शनियों का एक डिजिटल संस्करण तैयार किया जा रहा है और 15 अगस्त से पहले इसकी शुरुआत होने का अनुमान है।श्री प्रकाश जावडेकर ने वर्चुअल माध्यम से छह अन्य स्थानों पर भी फोटो प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया।सांबा जिला, जम्मू व कश्मीरबेंगलुरु, कर्नाटकपुणे, महाराष्ट्रभुवनेश्वर, ओडिशामोइरांग जिला, बिष्णुपुर, मणिपुरपटना, बिहारसांबा, जम्मू में ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह पुरा बगूना में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जो ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह का जन्म स्थान है और उन्हें ‘कश्मीर का रक्षक’ के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कश्मीर में अक्टूबर, 1947 में अकेले ही पाकिस्तान समर्थित कबायलियों का डटकर सामना किया और इस जंग में अपनी जान कुर्बान कर दी थी। ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह और उनके सैनिकों ने पाकिस्तान के कबायली लड़ाकों को श्रीनगर तक जाने से देर तक रोके रखा, जब तक भारतीय सेना वहां पर पहुंच नहीं गई। 30 दिसंबर, 1949 को वह स्वतंत्र भारत के पहले महावीर चक्र विजेता बन गए थे।रीजनल आउटरीच ब्यूरो, बेंगलुरु ने केन्द्रीय सादाना, कोरमंगला, बेंगलुरु में प्रदर्शनी आयोजित की। बेंगलुरु में नेशनल हाई स्कूल ग्राउंड, गांधी भवन, बनप्पा पार्क, फ्रीडम पार्क और यशवंतपुरा रेलवे स्टेशन जैसे स्वाधीनता संग्राम से जुड़े कई स्थान हैं। प्रदर्शनी में राष्ट्रीय स्वाधीनता सेनानियों के साथ स्थानीय स्वाधीनता सेनानियों के योगदानों को भी रेखांकित किया गया है।पुणे में आगा खान पैलेस में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जो एक राजसी भवन है और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से नजदीक से जुड़ा रहा है। इसने महात्मा गांधी, उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी, उनके सचिव महादेव देसाई और सरोजिनी नायडू के लिए जेल के रूप में सेवाएं दी हैं। महात्मा गांधी और अन्य भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत के बाद इस पैलेस में 9 अगस्त, 1942 से 6 मई, 1944 तक 21 महीने इस पैलेस में कैद रहे थे। कस्तूरबा गांधी और महादेव देसाई की महल (पैलेस) में कैद के दौरान मृत्यु हो गई थी और उनकी समाधि यहीं पर स्थित है। महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के स्मारक मूला नदी के पास इसी परिसर में बने हुए हैं।रीजनल आउटरीच ब्यूरो, भुवनेश्वर 12 से 16 मार्च तक खुर्दा जिले में प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। यह जिला ऐतिहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस जिले में कई स्वतंत्रता सेनानियों का जन्म हुआ था। इन पांच दिनों के दौरान, प्रदर्शनियों, सेमिनारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। पैनल्स में ओडिशा के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को मुख्य रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।मोइरांग को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक अहम स्थान हासिल है और आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यहां पर फोटो प्रदर्शनी का आयोजन काफी अहम है। यह मोइरांग ही था, जहां 14 अप्रैल, 1944 को पहली बार आईएनए का झंडा फहराया गया था।मणिपुर के जिले बिष्णुपुर में मोइरांग स्थित आईएनए मेमोरियल ऑडिटोरियम में आजादी का अमृत महोत्सव पर 5 दिवसीय फोटो प्रदर्शनी के वर्चुअल शुभारम्भ के अवसर पर संसद सदस्य (लोकसभा) डॉ. आर के रंजन सिंह, राज्य कला और संस्कृति विभाग और बिष्णुपुर जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस प्रदर्शनी में मुख्य विशेषता असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो आंदोलन, दांडी मार्च जैसे भारत के स्वतंत्रता संघर्ष की प्रमुख घटनाओं का प्रदर्शन रहा। इनमें मुख्य जोर महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल और आंदोलन के अन्य नेताओं पर रहा, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान कर दिया। रीजनल आउटरीच ब्यूरो के कर्मचारियों और पैनलबद्ध कलाकारों ने देशभक्ति के गाने, स्वदेशी ढोल नगाड़े, भारतीय नृत्य और मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया। साथ ही विद्यार्थियों की क्विज और भाषण प्रतियोगिता इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में शामिल रहे।वहीं, पटना में अनुग्रह नारायण कॉलेज में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस कॉलेज का नाम अनुग्रह नारायण सिंह पर पड़ा, जो प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने गांधीजी के चम्पारण सत्याग्रह के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। प्रदर्शनी में बिहार के स्वाधीनता सेनानियों के योगदान को मुख्य रूप से रेखांकित किया गया। एलईडी टीवी पर स्वाधीनता सेनानियों के दुर्लभ अंशों को प्रदर्शित किया गया और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।बीओसी की प्रदर्शनियों में चित्रों के माध्यम से हमारे स्वाधीनता संग्राम और इसमें भाग लेने वाले लोगों से जुड़े कुछ यादगार पलों को सामने रखने का प्रयास किया गया है। ये प्रदर्शनियां महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती सरोजिनी नायडू, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल, लाला लाजपत राय और जैसे स्वतंत्रता के विभिन्न प्रतीकों और शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान और संघर्ष का प्रदर्शन किया जाएगा।****एमजी/एएम/एमपी/एसकेRelease Id :-1704632Read this release in :-Kannada,English,Urdu,Marathi,Bengali,Punj

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