कैच द रैन 2022 पर केंद्रीय नोडल पदाधिकारी ने समाहरणालय में बैठक कर कई निर्णय लिए

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मनीष रंजन की रिपोर्ट
जल शक्ति अभियान की केंद्रीय नोडल पदाधिकारी श्रीमती अरिंदिता सिन्हा राय की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय के सभागार में “कैच द रैन 2022” की समीक्षा की गई।
इस दौरान श्रीमती राय ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक साथ मानसून पूर्व और मानसून अवधि के दौरान जल संरक्षण के विभिन्न उपायों को तेज करने के उद्देश्य से “कैच द रैन 2022” (जहां भी, जब भी संभव हो, बारिश के जल का संग्रह करें) थीम के तहत अभियान का शुभारंभ किया गया है।
श्रीमती अरिंदिता सिन्हा राय ने बताया कि इसके लिए जल संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों और इस निमित्त तैयार कार्य योजनाओं का अनुश्रवण भी किया जाना है। जल संरक्षण के लिए अधिक से अधिक लोगों को अभियान से जोड़े और उन्हें जागरूक करें। साथ ही पौधारोपण और पौधे की रखवाली करने के लिए लोगों को प्रेरित करें।
इस अवसर पर उपायुक्त श्री संदीप सिंह ने कहा कि जल संरक्षण के लिए यह एक वृहद कार्यक्रम है। अधिक से अधिक जल संग्रह करने के लिए भौगोलिक स्थिति के अनुसार बेहतरीन साईट का चयन करें। जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों से सलाह मशवरा कर उनका अभिप्राय समझे। वे अच्छी साइट का चयन करने में बेहतर विकल्प बता सकते हैं। उनके साथ तकनिकी पहलुओं पर विचार विमर्श करे।
जल संरक्षण पर प्रकाश डालते हुए उप विकास आयुक्त ने बताया कि जिले में 35 लाख स्क्वायर मीटर जलग्रह क्षेत्र (केचमेंट एरिया) है। 500 जल स्रोत का विकास किया गया है। 891 जल स्रोत की जियो टैगिंग की गई है। 672 वर्षा जल संरचना निर्मित की गई है। साथ ही बताया कि कतरी एवं जमुनिया नदी के कायाकल्प के लिए योजना तैयार की जा रही है। आवासीय बिल्डिंग में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया है।
जल शक्ति मंत्रालय के तकनीकी पदाधिकारी श्री धीरज पांडे ने कहा कि जीआईएस मैपिंग कर साइट का चयन करने से अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
बैठक में जल शक्ति अभियान की केंद्रीय नोडल पदाधिकारी श्रीमती अरिंदिता सिन्हा राय, उपायुक्त श्री संदीप सिंह, डीडीसी श्री शशि प्रकाश सिंह, निदेशक डीआरडीए श्री मुमताज अली, जल शक्ति मंत्रालय के तकनीकी पदाधिकारी श्री धीरज पांडे, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री मृत्युंजय कुमार पांडेय, विशेष कार्य पदाधिकारी श्री सुशांत मुखर्जी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल, नगर निगम, लघु सिंचाई प्रमंडल सहित अन्य विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे।

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