कोरोना को भगाने के लिए योग बड़ा संबल-ए.के.भारती

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डा आर लाल गुप्ता लखीसराय

आज़ योग दिवस के अवसर पर पेंशनर समाज के कार्यालय कक्ष महिला थाना के निकट अरबिन्द कुमार भारती योगाचार्य के सौजन्य से गणेश शंकर सिंह सचिव और जगदीश प्रसाद सिंह अध्यक्ष के देख रेख में समारोह पूर्वक मनाया गया।
इस अवसर पर योगाचार्य एके भारती ने कहा कि कोरोना ऐसी घातक बिमारी को भगाने में योग बड़ा संबल साबित हो सकता है। क्योंकि योग करने से फेफड़ा सहित शरीर के तमाम आर्गनस सक्रिय हो जाते और रोग प्रतिरोधक क्षमता का इजाफा हो जाता जिससे कोरोना के असर योग करने वाले के शरीर में बेअसर हो जाती।
इस कार्यक्रम में पंकज वारसी, सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, जयप्रकाश सिंह सचिव साइंस फॉर सोसायटी, बाल्मीकि सिंह,मदन मोहन प्रसाद सिंह, आदि की सराहनीय भूमिका रही। इस अवसर पर अरबिन्द कुमार भारती ने योग की और जानकारी देते हुए बताया कि नाद योग सर्वश्रेष्ठ योग है। नाद योग में संगीत गायन के अन्तर्गत शास्त्रीय संगीत, गीत भजन गजल आदि गाया बजाया जाता है।उसके बाद ज्ञान योग है। इसमें कोई भी योगाचार्य अपने समस्त जीवन के अनुभव को कुछ पल में बता देते हैं। उसके बाद कर्म योग आता है।कर्म योगी अपने कर्म से लोक जीवन को प्रभावित करते हैं। ईमानदारी पूर्वक कर्म करना एक महान योग है। उसके बाद भक्ति योग है। योगाचार्य अपने भक्तों को अपने जीवन के समस्त उपलब्धियों को क्षणभर में प्रदान कर देते हैं। उसके बाद अष्टांग योग है जिसे राज योग भी कहा जाता है। आजकल समस्त संसार में अष्टांग योग ही प्रचलित है ।इसके 8 भाग हैं ।यम ,नियम, आसन ,प्राणायाम, प्रत्याहार ,धारणा ,ध्यान, और समाधि। यम और नियम के अंतर्गत सौच, संतोष, स्वाध्याय, भगवान स्तुति ,सत्य, अहिंसा ,अपरिग्रह ,चोरी ना करना ,झूठ ना बोलना, ब्रह्मचर्य,असंग्रह आदिआता है ।इसके बाद आसन की बारी आती है ।आसन में पवनमुक्तासन ,वज्रासन, सर्वांगासन ,शशांक आसन, मंडूकासन, सिंहासन ,लोल आसान, सुखासन ,पद्मासन , बज्रासन शवासन बालासनआदि प्रमुख आसन लाभदायक है। प्राणायाम के अंतर्गत नाड़ी शोधन प्राणायाम, अनुलोम विलोम ,उज्जाई , कपालभाति भ्रामरीआदि उपयोगी है ।सबसे ज्यादा उपयोगी प्राणायाम भ्रामरी प्राणायाम जो सभी के लिए उपयुक्त है। इसके बाद योग मुद्रा आदि भी किया जाना चाहिए। आसान धीरे-धीरे करना चाहिए जो धीरे धीरे से किया जाने वाला आसन है और तीव्र गति से करने वाले आसान व्यायाम के अंतर्गत आता है। योग और व्यायाम में काफी अंतर है। योग से जीवनी शक्ति का विकास होता है ,कभी रोग नहीं होता है ,शरीर में स्फूर्ति आती है ,तन और मन के बीच में सामंजस्य होता है। इस अवसर पर भारती ने बताया कि सबसे पहले पवनमुक्तासन भाग-1 में अंगूली मोड़ना ,पैर के तलवा मोडना,टखना घुमाना,घुटना घुमाना,अर्द्ध तितली आसन,पूर्ण तितली आसन, मुट्ठी बांधना,कलाई घुमाना,केहुनी घुमाना,बांह घुमाना, गर्दन घुमाना,आंख को घुमाना, चक्की चलाना, रस्सी खींचना,टांगी चलाना,नाव चलाना, लुढ़कना, वज्रासन, सर्वांगासन ,शशांक आसन ,मंडूकासन और सबसे अंत में शवासन करने के बाद ही प्राणायाम करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम,उज्जायी, कपालभाति भ्रामरीआदि करके बताया गया।

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