कोरोना संक्रमण काल में जागरूकता के साथ जिन्दगी

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मनीष रंजन

वैश्विक महामारी कोविड 19 की वजह से भारत मामलों की संख्या में फ्रांस को पीछे छोड़ दुनिया का सातवां देश बन गया है । भारत, कोविड-19 के मामलों की संख्या हुई 188,883 हो गयी है ।
भारत दुनिया के उन सात देशों में आ गया है जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले हैं। भारत में संक्रमित मरीज़ों की संख्या 1,88,883 हो गई है और हर दिन बढती ही जा रही है । फ्रांस में 1,88,752 मरीज़ हैं। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका पहले नंबर पर है जहां अठ्ठारह लाख से अधिक केस हैं। पिछले तीन दिनों से संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में जबरदस्त इजाफा हुआ है । प्रतिदिन यह आंकड़ा आठ हजार से ऊपर चल रहा है । यही नहीं मरने वालों की संख्या भी 5000 पार कर चुकी है। समाचार पत्र हिन्दू के अनुसार पूरे देश में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। यहां 65,168 मामले सामने आ चुके हैं। तमिलनाडु में 21,184 ,दिल्ली में 18,549 और गुजरात में 16,536 मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान में 8693, मध्य प्रदेश में 7891 और उत्तर प्रदेश में 7701 मामले हैं। बिहार की भी स्थिति प्रवासी मजदूरों के आने से कोविड-19 के मामलों की संख्या दिन- प्रतिदिन बढते जा रही है । अभी इसकी संख्या 4000 के आसपास हो गई है। केरल में 1250 संक्रमित व्यक्ति हैं। झारखंड में भी दिन-प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की बढोतरी हो रही है । अभी इसकी संख्या 630 के आसपास हो गई है। अब हालात ये हो गये हैं कि लाॅकडाउन पीरियड में गतिविधियों पर लगातार रोक लगाने के बावजूद आवागमन की वजह से स्थिति बेकाबू हो गयी है ।
ताईवान, न्यूज़ीलैंड जैसे कुछ देशों ने इस महामारी से बेहतर तरीके से निपटा है। दुनिया के कई और देश हैं जहां पर काबू पाया गया है । भारत सीधे लाॅकडाउन की ओर चला गया। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संपूर्ण लाॅकडाउन करने का कोई सुझाव भी नहीं दिया था। हमारे देश में लाॅकडाउन करने के दो मकसद थे। महामारी के प्रसार को रोकना और स्वास्थ्य उपकरणों यानि मेडिकल सुरक्षा का बंदोबस्त करना। हमलोगों ने स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में थोड़ी सफलता प्राप्त की । देश ने कुछ हद तक अस्पतालों में बेडों की संख्या बढायी है पर भारत जैसे घनी आबादी वाले
देश में इसकी संख्या बहुत कम है । हम जानते हैं कि लोगों की क्या हालत हो रही है। अब सरकार अपने ही उठाए फैसलों के असर से चरमरा चुकी है। इसलिए लाॅकडाउन में ढील दी जाने लगी है । जब केस कम थे तब लाॅकडाउन हो गई। जब भारत दुनिया संक्रमित मरीजों की संख्या में चोटी के सात देशों में आ गया तो लाॅकडाउन के कई नियमों में छूट दी जा रही है। जब संक्रमित मरीजों की संख्या 560 थी तो देश में लाॅकडाउन लगाया गया था। आज वो संख्या 1,88,000 से ज्यादा हो गयी है तो देश की चरमराती अर्थव्यवस्था को देखते हुए लाॅकडाउन को धीरे-धीरे अनलाॅक किया जा रहा है । हमारा देश अभी तक एक भी दिन ऐसा हासिल नहीं कर सका है जब संक्रमित मरीज़ों की संख्या में कमी आई हो या कमी आने का सिलसिला कुछ दिनों तक जारी रहा हो।
इसलिए सरकार ने लोगों को जागरूक रहने की सीख देकर एवं अपने सामान की रक्षा स्वंय करें की घुट्टी पिला दी है । अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसे अपने ऊपर कैसे लागू करेंगे यानि मास्क ज़रूर लगाएं। हाथ को साबुन से धोएं। हाथ से चेहरे को स्पर्श न करें। सोशल डिसटेंसिंग यानि सामाजिक दूरी बनाकर रहें एवं भीड-भाड वाले जगहों पर न जाएं । सभी प्रशासनिक अधिकारी भी काम करते करते अब थक चुके हैं। वे भी एक इंसान हैं। इसलिए अपनी रक्षा ख़ुद करने की आदत बनायें।

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