ख़ुद के श्रम से एक शख्स ने सड़क के गड्ढों को भरा

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डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
कहते हैं इन्सानियत की कोई चिपका हुआ मुहर नहीं होता बल्कि उसके द्वारा समाज में किये गये मानव सेवा का कार्य स्वत:उसे इन्सानियत के तमगे से अलंकृत कर देता है। ऐसे हीं एक शख्स का नाम है कजरा के सहमालपुर गांव निवासी ढोंगल चौधरी का।जो पेशे से अपनी छोटी सी पान गुमटी के भरोसे दो जून की रोटी की तलाश करते रहते हैं। लाक डाउन में वेशक दुकान बंद रहने से भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं, बाबजूद उनके दिल में समाज सेवा की भावना आज भी जवलंत है। जिसने अपने परिश्रम से वो काम कर दिखाया जिसकी लोगों के लिए कल्पनाती था।स्टेशन रोड कजरा में हो आए गढ़े में अक्सर दो पहिए वाहन दूर्घटना ग्रस्त हो रहा था। जिसके लिए बेशक विभाग ने मरम्मत करने के बजाय वहां “ख़तरे”की तख्ती लगाकर लोगों को सावधान कर दिया तो बारिश के बाद पानी सुखने पर ढोंगल चौधरी ने खुद के परिश्रम से गढ़े को अकेले हीं भरकर यह साबित कर दिया कि सब काम सरकार पर नहीं बल्कि खुद के परिश्रम से भी किये जा सकते हैं।इसके लिए जहां कजरा मंडल के भाजपा अध्यक्ष कमलकांत कुशवाहा उर्फ टुनटुन तथा श्री नारायण आई केयर के चिकित्सक डा.ए.एम.गुप्ता”चंदन”ने संयुक्त रूप से ढोंगला चौधरी को अंग वस्त्र देकर हौसला अफजाई किया है।

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