चिल्ड्रेन पार्क, हीरापुर में नाइजीरियाई फीश फेस्टिवल पर आधारित पूजा पंडाल का निर्माण, 11नवंबर को होगा उद्घाटन
चंदन पाल की रिपोर्ट
धनबाद: धनबाद शहर के सबसे आकर्षक काली पूजा का आयोजन हीरापुर के चिल्ड्रन पार्क में श्री श्री श्याम पूजा कमिटी झरना पाड़ा, पार्क मार्केट की ओर से ही आयोजित किया जाता है। इस वर्ष यह कमिटी 44 वां काली पूजा कर रही है।
प्रतिवर्ष आकर्षण का केंद्र रहने वाला काली पूजा पंडाल इस वर्ष नाइजीरिया के फिश फेस्टिवल के तर्ज पर बनाया जा रहा है जिसमें नाइजीरिया में रहने वाले आदिवासी समाज किस तरह से मछलियां पकड़ते हैं। काली पूजा पंडाल में मछली से जुड़ी हुई गतिविधियां देखने को मिलेगी। पंडाल के सामने तीस फीट की मछली दिखेगी और पंडाल के ऊपर बीस फीट का नाइजीरिया के आदिवासी राजा का मुखौटा नजर आएगा। नाइजीरिया में किस तरह से समुद्री मछली का शिकार तीर से किया जाता है और उसे कैसे आग में पकाते हैं, धनबाद के निवासी उसे देख पाएंगे।
पूजा कमिटी के अध्यक्ष श्री विकास चौधरी ने बताया कि 1980 से पार्क मार्केट में पूजा करते आ रहे हैं। यहां हर साल अनोखा एवं बिल्कुल अलग पंडाल मेदिनीपुर के जाना टेंट हाउस द्वारा बनाया जाता है। मूर्ति धनबाद के दुलाल पाल ने बनाया है।
पिछले साल कृष्ण मंदिर और कृष्ण लीला पर पंडाल तैयार हुआ था। कभी ऑक्टोपस थीम तो किसी वर्ष विवेकानंद रॉक, सिल्वर जुबली वर्ष में चांदी सा दिखने वाला पंडाल इसी तरह के अलग पंडाल बनते आ रहे हैं। जिस कारण हम लोग हर वर्ष विजेता भी रहते हैं।
मेदिनीपुर के कलाकार निताई बताते हैं इस वर्ष पूरा पंडाल लकड़ी और हुगला पत्ता से निर्मित हो रहा है। पंडाल को तीस मिस्त्री पिछले एक महीने से बना रहे हैं।
इस पंडाल में नाइजीरिया के फिश फेस्टिवल की झलक देखने को मिलेगी। पंडाल के अंदर मछली के थीम पर ही डेकोरेशन किया गया है। सामने तीस फीट बड़ी मछली है तथा वहां के राजा का मुखौटा पंडाल पर बना दिखेगा।
पूजा समिति के सदस्य कमल कुमार ने बताया कि चंदननगर से विद्युत सज्जा का भी आयोजन किया गया है जो दिवाली एवं काली पूजा में आकर्षण का केंद्र रहता है।
अफ्रीका के आदिवासी किस प्रकार से मछली का शिकार करके जीविका निर्वाह करते हैं इसे फीस फेस्टिवल के माध्यम से पंडाल में दिखाया गया है। संपूर्ण पूजा का लागत लगभग 14-15 लाख है।
पूजा पंडाल 11-10-2023 को उद्घाटन के बाद लोगों को दर्शन करने के लिए खोल दिया जायेगा।