झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र के दलित आदिवासियों के पुनर्वास की मांग तथा समस्याओं को सुनने के लिए राष्ट्रीय एससी,एसटी आयोग की सदस्य डाॅ आशा लकड़ा पहुंची झरिया

चंदन पाल की रिपोर्ट
झरिया: झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले दलित आदिवासी परिवार दशकों से पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। खासकर आउटसोर्सिंग क्षेत्रों में रहने वाले गरीब आदिवासी परिवारों की समस्याएं दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। इस मुद्दे को लेकर धनबाद पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने लोदना अग्नि प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान डॉ लकड़ा अपने टीम के साथ लोदना क्षेत्र पहुंचीं, जहां कुजामा एटी देव प्रभा आउटसोर्सिंग का निरीक्षण किया। कोयला खदानों में चल रही मशीनों और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का अवलोकन करते हुए उन्होंने स्थानीय निवासियों की समस्याओं को समझा। इस दौरान डॉ लकड़ा एनएस लोदना स्थित रक्षा काली धाम भी पहुंचीं, जहां उन्होंने मां रक्षा काली के दर्शन किए। डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति आयोग का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों के अधिकारों और उनके संरक्षण को सुनिश्चित करना है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 338(5) का जिक्र करते हुए बताया कि आयोग का दायित्व है कि वह आदिवासियों के विकास और उनकी योजनाओं में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करे। डॉ लकड़ा ने ओपन कास्ट परियोजनाओं के प्रभाव का जायजा लिया और क्षेत्र में हो रही समस्याओं पर बीसीसीएल के अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जो समस्याएं नजर आईं, वे किसी से छुपी नहीं है। अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों के लिए उचित पुनर्वास और जीवन स्तर सुधारने की आवश्यकता है।