झारखंड अभिभावक संघ के वर्चुअल बैठक में 26 मई से क्रमबद्ध आंदोलन का निर्णय

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहे वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 के अब तक के समय में लाॅकडाउन वाली स्थिति है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस के अलावे वार्षिक फीस लेने के आदेश को निरस्त करने के सरकार के फैसले को दरकिनार करते हुए अभिभावकों पर दवाब बनाया जा रहा है। ऐसे में सभी अभिभावक परेशान हैं। आज इसी सिलसिले में झारखंड अभिभावक संघ की प्रदेश स्तरीय बैठक वर्चुअल रूप से हुई जिसमे प्रदेश के पदाधिकारी और विभिन्न जिला के अध्यक्ष ,महासचिव शामिल हुए।
बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने एक स्वर से इस बात को रखा की बंद स्कूलों द्वारा अभिभावकों से लगातार सभी प्रकार की फीस की मांग की जा रही है और फीस ना देने पर बच्चों की ऑन लाइन क्लास बाधित की जा रही है। ऐसे भी इस ऑनलाइन पढ़ाई के चक्कर मे बच्चे मोबाइल पर गेम खेल रहे है। यू ट्यूब पर फालतू के वीडियोज देख रहे है। मोबाइल नहीँ देने पर खाना पीना छोड़ रहे है। उनकी आंखो की रोशनी और मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है बावजूद मज़बूरी में अभिभावक न चाहते हुए भी ये सब उपलब्ध करा रहे हैं।
बैठक में प्रबंधन के खिलाफ आन्दोलन चलाने को लेकर यह निर्णय लिया गया कि सभी जिलों में सोशल मिडिया व विभिन्न संचार माध्यमों से अभिभावकों को गोलबंद कर आंदोलन को गति दी जाएगी।
कोरोना व लॉक डाउन को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से प्ले कार्ड व अन्य माध्यम से वर्चुवल धरना दिया जायेगा जिसका सीधा प्रसारण सोशल मीडिया फेसबुक व अन्य माध्यम से किया जायेगा। यह सभी बातें झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने अनंत सोच लाइव को बताया। उन्होंने क्रमबद्ध आन्दोलन की रूपरेखा भी बतायी।उन्होंने कहा कि आंदोलन की शुरुआत 26 मई 2021 से राज्य स्तर पर शुरू की जाएगी जिसमें
26 मई 2021 को वर्चुअल धरना, 28 मई काला बिल्ला लगाकर फेसबुक पर सीधा प्रसारण, 30 मई टवीटर के माध्यम से #टैग प्रोग्राम। कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने बताया कि उपरोक्त कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी आदि का अभिभावकों द्वारा लगातार उठाय जा रहे परेशानी की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
इस अवसर पर झारखंड अभिभावक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय राय ने कहा कि पिछले 14 महीने से निजी स्कूलों से कोई सुविधा अभिभावकों द्वारा नही ली गई है जैसे साइंस लैब ,कम्प्यूटर लैब, सब -क्लास, स्मार्ट क्लास , क्लास रूम स्टडी , लैब , ग्राउंड , बिजली,पानी ,मैगजीन , लाइब्रेरी आदि उल्टे स्कूलों द्वारा बच्चों को बिना अनुमति के ऑन-लाइन क्लास दी गई है वो भी आधी अधूरी तैयारी के साथ । जैसा कि आप सभी जानते है ऑन-लाइन क्लास डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशन जैसी होती है जिसका खर्च बहुत ही कम होता है बावजूद ऑन-लाइन क्लास के माध्यम से अभिभावकों को लगातार फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 25 जून 2020 के जारी उस आदेश की भी धज्जिया उड़ाई जा रही है जिस आदेश में साफ तौर पर कहा गया है की स्कूल कोरोना काल में सिर्फ ट्युसन फ़ीस के अलावा कोई दूसरा फ़ीस नहीं ले सकती।
श्री राय ने कहा कि कोरोना की महामारी के कारण पिछले साल से लगातार लॉक डाउन और उद्योग धंधे बंद हो जाने के कारण अभिभावक़ गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे है। आज उनके हालात बद से बदतर हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लगभग 70% – 80% तक लोग पूरी तरह बेरोजगार हो गए है । झारखंड प्रदेश में 21 मार्च 2020 के पूर्व से स्कूल बंद हुए आज लगभग 14 महीने से भी ज्यादा हो गए है। ऐसे हालात में भी अभिभावक बच्चों के भविष्य को देखते हुए मासिक फ़ीस जैसे तैसे जमा करते आ रहे हैं। इस बात को स्कूल प्रबंधन को भी सोचना चाहिए मगर वो संवेदनशील होने के बजाय आज हर तरह का शुल्क वसूलने में कही कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

आज की बैठक में झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष श्री अजय राय,धनबाद अध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय (धनबाद) , श्री महेन्द्र राय (बोकारो),श्री संजय सर्राफ (राँची), श्री कंवलजीत सिंह (लोहरदगा), डॉ पुष्पा श्रीवास्तव (जमशेदपुर),श्री धीरज आनन्द ( देवघर ) श्री दीपक शर्मा (गिरिडीह ),श्रीअभय पांडेय,श्री राजेश कुमार आलोक गैरा ( रांची ),श्री अजय कुमार पंकज, (लोहरदगा) , श्री रेवती नन्दन चौधरी (दुमका) , श्री रविशंकर राय(रामगढ़) , श्री संजीव दत्ता(रांची ), श्री मनोज सिंह (पलामू), श्री विद्याकर कुंवर, श्री राजेश साहू,श्री तलत प्रवीण रांची, श्री तिलकामांझी सिमडेगा सहित कई लोग शामिल हुए।

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