झारखंड अभिभावक संघ द्वारा सरकार को पुन: विरोध पत्र

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

निजी स्कूलों की मनमानी से त्रस्त अभिभावकों की बातों को लेकर झारखंड अभिभावक संघ पुनः शिकायतें लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलने कम्बाइन्ड बिल्डिन्ग स्थित उनके कार्यालय पहुंचा। झारखंड अभिभावक संघ के धनबाद जिलाध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय के नेतृत्व में गये प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती प्रबला खेष से मुलाकात करने की सोची लेकिन वो उपस्थित नहीं थी। इस पर अभिभावक संघ ने आपत्ति जताई। कैप्टन सहाय ने कहा कि धनबाद पब्लिक स्कूल डीएवी कोयला नगर, कुसुन्डा , गोधर, डिगवाडीह, दिल्ली पब्लिक स्कूल, राजकमल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर , डिनोबली स्कूल, कार्मेल स्कूल समेत कई अन्य निजी विद्यालयों के द्वारा सरकार के निर्देश के विपरीत ट्यूशन फीस में वृद्धि करने एवं इसके अलावा कई अन्य तरह के शुल्क लेने और वार्षिक फीस जमा करने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

पिछले वर्ष 25 जुन 2020 को झारखंड सरकार द्वारा जारी आदेश में साफ़ शब्दों क्रम संख्या 2 में लिखा है कि जब तक स्कूलों का पुर्व रूप से संचालन शुरू नहीं हो जाता, किसी भी प्रकार की फीस नहीं बढ़ा सकते ना ही किसी अन्य मद में फीस वसूल सकते हैं।

मीडिया से बात करते हुए अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष कैप्टन प्रदीप सहाय ने निजी विद्यालयों के मनमानी पर रोक लगाने की मांग सरकार से की और उनके द्वारा शिक्षा के अधिकार कानून एवं झारखंड शिक्षा न्यायधिकरण (संशोधन) – 2017 द्वारा निर्देशित आदेशों की उलंघन के लिए कार्यवाई की मांग की गई।
अभिभावकों ने एक स्वर में कहा कि सरकार ने अगर कानून बनाया है तो उस कानून को शत प्रतिशत लागू करवाना भी उन्ही का काम है। संवैधानिक पद पर बैठे पदाधिकारी अगर सरकार द्वारा जारी आदेश एवं कानून को लागू नहीं कर सकते हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. कैप्टन सहाय ने कहा कि जिस स्कूल ने भी 2019 के बाद ट्युशन फ़ीस आदि में बढ़ोतरी की गई है उन सभी पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए क्योंकि इसके लिए उन्होने झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 का पालन नहीं किया है.

आज के कार्यक्रम में अभिभावकों में मुख्य रूप से प्रो जितेन्द्र, प्रेम सागर, सुचित्रा सिन्हा, राजीव सिन्हा, अमित कुमार, भुषण जी आदि शामिल थे।

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