झारखंड ऊर्जा विकास निगम के प्रबंधक को लिख कई सुझाव दिए गए- कुमार मधुरेन्द सिंह
मनीष रंजन की रिपोर्ट
एक तरफ जहाँ झारखंड में बिजली की स्थिति में मामूली सा सुधार नजर भी नहीं आता है तो वहीं दूसरी ओर हर वर्ष झारखंड विधुत की ओर से बिजली के दरों में वृद्धि करने का फरमान जारी कर दिया जाता है।
अभी ऐसी ही स्थिति झारखंड में है। एक तरफ नई बहाली की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी ओर उपलब्ध कर्मचारियों का भरपूर उपयोग भी विभाग नहीं कर रहा है।
आज इसी सिलसिले में धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष, मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन के कुमार मधुरेन्द सिंह ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के प्रबंधक को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु कॉल सेंटर खोलने की बात कही है उसके बारे में राय व कई अन्य सुझाव दिए हैं जो अगर सरकार अमल करती है तो विभाग एवं उपभोक्ताओं को सुविधा हो जायेगी। उन्होंने सुझाव में कहा है कि जेवीवीएनएल में बहुत से पद पर रहने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी यूनियन में ही रहते हैं और ज्यादातर काम के प्रति उनका समर्पण नहीं रहता है। वैसे में उन्हें काॅल सेंटर में लगाने से उनके द्वारा कही गयी बातों को अधिकारी तरजीह भी देंगे तो उपभोक्ताओं को फायदा ही मिलेगा जिससे विभाग में काम त्वरित गति से होगा।
उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रत्येक क्षेत्र में लगे ट्रांसफार्मर में लगे मीटर के लोड के अनुसार ही उस क्षेत्र में नया कनेक्शन दिया जाए जिससे उस क्षेत्र के ट्रांसफार्मर पर अत्यधिक लोड से वह खराब न हो और उस क्षेत्र के लोगों को तब परेशानी भी नहीं होगी। अत्यधिक लोड होने पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाया जाए।
एक अन्य सुझाव में कुमार मधुरेन्द सिंह ने कहा है कि उच्च अधिकारियों के एक ग्रेड में रहने की वजह से आपसी समन्वय में कमी दिखती है जिसकी वजह से बिजली की व्यवस्था की सही स्थिति का ठीक से आकलन नहीं हो पाता है जिसका खामियाजा आम जनता भुगतती है और उससे विभाग की छवि खराब हो जाती है।
उन्होंने प्रबंधक महोदय से उपरोक्त सुझाव पर गौर करने का आग्रह किया है तथा उम्मीद जताई है कि इन उपायों से बिजली की व्यवस्था में भी सुधार आयेगा तो बिजली विभाग के प्रति लोगों का रवैया भी बदलेगा।