मनीष रंजन की रिपोर्ट आज की वर्तमान जिंदगी में जहां हर ओर पैसे का बोलबाला है वैसी स्थिति में कम उम्र के बच्चों में पैसों, मोबाइल जैसी चीजों और मोबाइल गेमों की लत में पडकर आपराधिक प्रवृत्ति वाली मानसिकता अपनाने में कोई गुरेज नहीं कर रहें हैं। इससे वे आपराधिक घटनाओं को अंजाम भी दे रहें हैं। इन नाबालिग अपराधियों को सुधारने के लिए सरकार के द्वारा हर जिले में बाल सुधार गृह की स्थापना की गई है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि हर जिले में नहीं है। ऐसे में नाबालिग अपराध करने वाले को दूसरे जिले में रखा जाता है। झारखंड के हर जिले में बाल संरक्षण या बाल सुधार गृह हो, इसे लिए धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव अधिकार सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने कैबिनेट बैठक बुलाकर निर्णय लेने की गुजारिश की है। उन्होंने पत्र की प्रति झारखंड के राज्यपाल को भी इस संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई के लिए दी है।