झारखंड नियोजन नीति में सुधार को लेकर प्रधान सचिव,श्रम नियोजन को पत्र

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

झारखंड की अस्पष्ट नियोजन नीति विशेषकर स्थानीयता को लेकर लोगों में विरोधाभास है। झारखंड नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 को लेकर धनबाद के न्यू टाउन हॉल में झारखंड सरकार के श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री राजेश शर्मा ने उधोगों एवं चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों सहित बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लोगों को झारखंड सरकार के तरफ से स्थानीय नियोजन को लेकर कार्यशाला आयोजित कर अपने नियमावली को बताया। उस कार्यक्रम में धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने आज झारखंड सरकार के उस नियमावली में संसोधन करने के लिए कुछ बिंदुओं पर विशेष विचार कर लोगों को नियोजन के लिए विशेष कर एलएलबी, बीटेक, एमटेक, पीजी एवं एमबीए पास लोगों के लिए जिला नियोजन कार्यालय में नियोजन के लिए अनुबंध करने की सुविधा होनी चाहिए न की रांची में। इसकी जानकारी मांगी है। आज उन्होंने प्रधान सचिव को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने नियोजन नीति को एमएसएमई से अलग रखने की अपील की है जिसमें दस पंद्रह लोग काम करते हों। उन्होंने नियोजन नीति को जिला स्तर पर कैंप लगाकर तकनीकी विशेषज्ञ लोगों के नियोजन के लिए भी करने की अपील की है।उन्होने पत्र की प्रति उपायुक्त, धनबाद, सहायक श्रमायुक्त, धनबाद तथा एवं जिला नियोजन प्रशिक्षण पदाधिकारी, धनबाद सहित सभी जिलों के पदाधिकारियों को दी है ताकि सभी अपने स्तर से क्रियान्वयन में अपनी बातों को रखें।

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