झारखंड मुक्ति मोर्चा के 52 वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सभा को संबोधित किया
चंदन पाल की रिपोर्ट
झारखंड मुक्ति मोर्चा के 52वें स्थापना दिवस पर गोल्फ ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में झामुमो के वरिष्ठ नेता, झारखंड टाइगर के नाम से प्रसिद्ध मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन और युवा सम्राट हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति से सभी के दिलों में दुख है, मुझे भी दुख है। 2019 में बड़े जनादेश के साथ हेमंत बाबू जिस दिन से मुख्यमंत्री बने, उस दिन से उन्हें परेशान किया जाने लगा। विपरीत परिस्थितियों में भी हेमंत सोरेन कोरोना कल में देश भर में मानव जीवन को बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य किया। प्रवासी मजदूरों को बस से, ट्रेन से यहां तक की हवाई जहाज से भी घर लाया। कोई मुख्यमंत्री ऐसा कार्य नहीं कर सकता। हमेशा से कोयला जैसी चीजों पर बाहरी लोगों का ही राज रहा है। मूलवासी का इससे कोई वास्ता नहीं रहा, फिर भी उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है। मैं पूछना चाहता हूं कि 18 से 19 सालों में अपने राज्य के दौरान भाजपा ने मूलवासी आदिवासी के लिए क्या किया? इसी धरती से दिशोम गुरु ने महाजनी प्रथा और शोषण के विरुद्ध अपना डुगडुगी बजाया और संघर्ष किया। यह धरती खनिज संपदा से भरपूर है। यहां का लाभ गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली के लोग ले रहे हैं। आदिवासी मूलवासी लोगों के लिए हेमंत सोरेन ने मॉडल स्कूल खोला। उन्हें पढ़ने के लिए विदेश में भेजा। दो बार नियोजन नीति और स्थानीय नीति बनाकर ऊपर भेजी गई लेकिन उसे रद्द कर दिया गय। झूठे मुकदमे में फंसा कर देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्रीय एजेंसियों के द्वारा गिरफ्तार करवाया गया। हेमंत सोरेन ने आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार योजना के तहत डीसी, डीडीसी को गरीबों के घरों तक भेजा। उन्होंने अबुवा आवास योजना की शुरुआत की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से लोकसभा के सभी 14 सीटें जीतकर इंडिया गठबंधन के खाते में डालने का आवाहन किया।
राज्यसभा सांसद महुआ मांझी ने कहा कि लोकप्रिय चंपई सोरेन जी के नेतृत्व में तमाम षडयंत्रों को विफल करते हुए हमारी सरकार बनी। छल बल के साथ युवा आदिवासी नेता हेमंत सोरेन के साथ हुई साजिश से सभी मर्माहत हैं। बीजेपी वाले खुद ही इसे गलत बता रहे हैं।
अब नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन गुरु जी के सपने को साकार करेंगे। पहली बार हो रहा है कि कई दशक के बाद हेमंत सोरेन हम लोग के बीच उपस्थित नहीं है। हमें उम्मीद है कि न्यायालय से उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा और वह हमारे बीच उपस्थित होंगे।
राजमहल सांसद विजय हांसदा ने कहा कि राज्य के स्थिर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया। लेकिन झारखंड का शेर किसी के सामने झुकने वाला नहीं है। हेमंत सोरेन अंदर जरूर हैं लेकिन आज हर कार्यकर्ता हेमंत सोरेन है। भाजपा ने सरकार हथियाने के लिए हर हथकंडा अपनाया लेकिन हेमंत सोरेन ने जेल जाना पसंद किया। विश्वास पर शर्मिंदा होने नहीं दिया। उन्होंने साबित किया कि वह शिबू सोरेन का बेटा है। केंद्र सरकार से पैसा नहीं मिलने पर भी उन्होंने योजनाओं को धरातल पर उतारा। सावित्री बाई फुले योजना, ओल्ड पेंशन स्कीम, राज्य के कंपनियों में 75% स्थानीय लोगों को रोजगार जैसे कई काम किया। उनके भाषण के दौरान जेल का ताला टूटेगा हेमंत सोरेन बाहर निकलेगा जैसे कई जोशीले नारे लगे।
मौके पर राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त फागू बेसरा, केंद्रीय समिति सदस्य अमितेश सहाय, जिला सचिव मन्नू आलम, मुकेश सिंह, नीलम मिश्रा सहित हजारों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।