झारखंड में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अन्य के मनोनयन पर जल्द निर्णय को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र

0

मनीष रंजन की रिपोर्ट

किसी भी राज्य की वैधानिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सामुहिक प्रयास की जरूरत होती है। राज्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष की सहमति की जरूरत होती है। सदन में किसी विषय पर चर्चा करने के लिए विपक्ष के नेता की सहमति की भी जरूरत होती है। कमोवेश झारखंड राज्य के लिए भी ऐसी ही परिस्थित पिछले तीस महीने से है। विरोधी दल के नेता के रूप में श्री बाबूलाल मरांडी के चयन के बाद तकनीकी अड़चन की वजह से उन्हें विरोधी दल के नेता के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। ढाई साल बीत जाने के बाद भी विपक्षी पार्टी भाजपा ने किसी अन्य नेता के नाम की सिफारिश नहीं की गई है जो सोचने वाली बात है। राज्य में बोर्ड के गठन में भी अड़चने आ रही है। सरकार के रोजमर्रा के काम में भी दिक्कत आ रही है। आज इसी विषय पर धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने राज्य के वरीय विधायक श्री सी पी सिंह, श्री विरंची नारायण एवं श्री राज सिन्हा को या अन्य वरीय विधायक को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मनोनयन करने की गुजारिश की है ताकि राज्य में संवैधानिक प्रक्रिया सुचारू रूप से चले और सरकार अपने कामकाज को सही ढंग से निर्णय गत तरीके से चला सके। राष्ट्रीय पार्टी भारतीय जनता पार्टी के लिए भी यह जरूरी है कि वो अपने दायित्व का निर्वहन भली भांति कर अपनी साख के प्रति लोगों में गलत संदेश न जाने पाये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed