तीन अस्पताल के एएनओ, एमएनओ के साथ ऑनलाइन बैठक में उपायुक्त ने कहा
हर 2 घंटे के अंतराल पर मरीजों का चेक करें वाइटल्स
लापरवाही बरतने पर डीएमए के तहत हो सकती है एफआईआर
गंभीर मरीजों को तुरंत भर्ती कर दवाई देना शुरू करे
बड़ी चुनौती का है समय, मेहनत कर, मिलकर इससे निपट सकते हैं
जिला प्रशासन वहन करेगा फ्रंटलाइन वर्कर्स का चिकित्सा खर्च
वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में प्रतिदिन गंभीर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान समय बहुत चुनौतीपूर्ण है। सब मिलकर कड़ी मेहनत करेंगे तो इस चुनौती से निपट सकते हैं। अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों का हर 2 घंटे के अंतराल पर वाइटल्स चेक करें। किसी भी प्रकार की कोताही या लापरवाही बरतने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हो सकती है। अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को तुरंत एडमिट कर आवश्यक दवाइयां देना शुरू करे।
उक्त बातें उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद श्री उमा शंकर सिंह ने सोमवार को सर्किट हाउस स्थित वॉर रूम से क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान भूली, निरसा पॉलिटेक्निक तथा एसएनएमएमसीएच पीजी एक्सटेंशन के प्रशासनिक नोडल पदाधिकारी एवं मेडिकल नोडल पदाधिकारियों के साथ आयोजित ऑनलाइन बैठक में कही।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की नई गाइडलाइन्स के अनुसार कोविड -19 के प्रबंधन के लिए ऑक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग के दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं। निर्देश के अनुसार ऑक्सीजन का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए। जिससे अधिक से अधिक गंभीर मरीजों को ऑक्सिजन मिल सके। आपदा की स्थिति में जब मरीजों को आईसीयू बेड की आवश्यकता है, वैसी स्थिति में उपरोक्त निर्देश का पालन कर यह सुनिश्चित करें कि अधिक से अधिक गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट मिले और वे संक्रमण से मुक्त हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक अस्पताल में मरीज को भर्ती करते समय डॉक्टर ऑन ड्यूटी का रहना आवश्यक है। डॉक्टर दिन में दो-तीन बार वार्ड का राउंड लेंगे। समय पर मरीज को पानी एवं भोजन भी उपलब्ध कराएंगे। डॉक्टर एवं अन्य कर्मी सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं करें। सभी सेफ्टी किट के साथ ही अपनी-अपनी ड्यूटी करेंगे।
उन्होंने कहा कि एक फ्लोर पर एक डॉक्टर रहेंगे। एक एएनएम को 10 मरीजों का वाइटल एवं दवा चेक करने की जिम्मेदारी दे। ड्यूटी परिवर्तन के समय डॉक्टरों के बीच हैंड ओवर एवं टेकओवर की सिस्टम लागू करें। जिससे ड्यूटी पर आने वाले डॉक्टर को मरीजों के संबंध में विस्तृत जानकारी मिल सके।
जिला प्रशासन वहन करेगा फ्रंटलाइन वर्कर्स का चिकित्सा खर्च
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि एएनएम, जीएनएम, वार्ड बॉय, सफाई कर्मी, सुपरवाइजर, चिकित्सक सहित अन्य सभी फ्रंटलाइन वर्कर हैं यदि बीमार पड़ते हैं तो उनका एचआरसीटी, ब्लड टेस्ट इत्यादि का खर्च जिला प्रशासन वहन करेगा। साथ ही कहा कि जिला प्रशासन ने फ्रंटलाइन वर्कर्स को एक मह का मानदेय प्रोत्साहन के रूप में देने का भी निर्णय लिया है।
बैठक के दौरान मरीजों के डिस्चार्ज, ऑक्सीजन सिलेंडर को बदलने की प्रक्रिया में तेजी लाने, समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने, ऑक्सीजन का तर्कसंगत इस्तेमाल करने, बायो मेडिकल वेस्ट का दिशा निर्देश के अनुसार डिस्पोजल, अस्पतालों में साफ-सफाई, मरीजों के भोजन, व्हील चेयर, स्ट्रेचर की आवश्यकता इत्यादि पर भी उपायुक्त ने दिशा-निर्देश दिए।
बैठक समाप्त करने से पहले उपायुक्त ने सभी प्रशासनिक नोडल पदाधिकारी एवं मेडिकल नोडल पदाधिकारियों से कहा कि हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से घबराना नहीं है। लाखों लोगों की जान हम पर टिकी है। एक बेहतर रणनीति बनाकर हम लोगों की जान बचा सकते हैं। सभी अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे तो इस विकट परिस्थिति से लड़कर हम विजय प्राप्त कर सकेंगे।