दिवाली से पहले आपके लोन के ब्याज पर ब्याज लौटाएगी सरकार, ऐसे कैलकुलेशन करके जानिए कितना मिलेगा कैशबैक
केंद्र की मोदी सरकार ने दिवाली से पहले लाखों कर्जदारों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है. सरकार ने लोन मोरेटोरियम के छह महीने की पीरियड के दौरान बैंकों द्वारा लगाए जा रहे ब्याज पर ब्याज को लौटाने की घोषणा की है. इसके लिए उसकी ओर से बाकायदा दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं. इसमें यह फैसला किया गया है कि सरकार बैंकों को ब्याज पर ब्याज का भुगतान करेगी, लेकिन इसकी प्रक्रिया थोड़ी जटिल है, जिसे कर्जदारों को समझना बेहद जरूरी है कि किस व्यक्ति को कितना कैशबैक मिलेगा. आइए, जानते हैं लोन मोरेटोरियम के ब्याज पर ब्याज का गणित…
आरबीआई ने कहा था क्या?
आरबीआई ने लॉकडाउन के पहले तीन महीने और फिर तीन महीने के लिए देश के लाखों कर्जदारों को लोन मोरेटोरियम स्कीम का लाभ दिया था. यानी मार्च से अगस्त 2020 तक के कुल छह महीनों के लिए किस्त का भुगतान टालने की सुविधा दी गई थी, लेकिन कहा यह गया था कि इस बकाये पर बैंक ब्याज ले सकते हैं. देश में इसका विरोध इस आधार पर हुआ कि लोन की किस्त में बड़ा हिस्सा तो वैसे ही ब्याज का होता है, फिर इस पर भी ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज लेने की छूट बैंकों को क्यों दी जा रही है, जबकि कोरोना संकट में लोग इतने परेशान हैं?
सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है मामला
लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूलने का मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी चल ही रहा है और इस पर दो नवंबर को अगली सुनवाई है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि वह 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज खुद वापस करेगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसे जल्द से जल्द करना चाहिए. इसलिए सरकार ने इसे दिवाली से पहले लागू कर एक तरह से देश के लाखों कर्जदारों को त्योहारी तोहफा दिया है.
जानिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज का अंतर
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि वह छह महीने के मोरेटोरियम पीरियड के दौरान का लगाये गये चक्रवृ़द्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर की जो राशि होगी, उसे सभी पात्र कजदारों के खातों में जमा करेंगे. इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि बहुत सावधानी से विचार के बाद पूरी वित्तीय स्थिति, कर्जदारों की स्थिति, अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव और ऐसे ही दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
कब मिलेगा पैसा?
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने कहा है कि 5 नवंबर को या उससे पहले यह कवायद पूरी हो जाएगी. यानी अगले हफ्ते गुरुवार तक कर्जधारकों के खातों में पैसा आ जाएगा. हलफनामे के मुताबिक, केन्द्र सरकार ने निर्देश दिया है कि योजना के उपबंध 3 में वर्णित कर्ज देने वाली सभी संस्थाएं इसे लागू करें और योजना के अनुसार सभी संबंधित कर्जदारों के लिए गणना की गयी राशि उनके खातों में जमा करें.
इन श्रेणियों के लोन पर मिलेगा फायदा
यह वापसी कुल आठ श्रेणियों के 2 करोड़ रुपये के लोन तक होगी. इनमें एमएसएमई, एजुकेशन, क्रेडिट कार्ड बकाया, हाउसिंग लोन, ऑटो लोन, प्रोफेशनल्स द्वारा लिये गये पर्सनल लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल और कंजम्पशन लोन शामिल हैं. ध्यान रहे कि इसमें सिर्फ प्रोफेशनल्स के पर्सनल लोन शामिल हैं और किसी के इन सभी श्रेणियों में मिलाकर अगर लोन 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है, तो उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा.
क्या हैं शर्तें
यह लोन 29 फरवरी तक गैर निष्पादित परिसंपत्ति यानी एनपीए नहीं होना चाहिए. यह वापसी 29 फरवरी तक की ब्याज दर पर होगी. इसके तहत बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी, हाउसिंग कंपनी, सभी के लोन को स्वीकार किया जाएगा. सरकार इस पर करीब 6500 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
मोरेटोरियम नहीं लेने वालों को भी मिलेगा फायदा
यह वापसी सभी के लिए होगी, चाहे किसी ने लोन मोरेटोरियम की सुविधा ली हो या नहीं ली हो, या आंशिक रूप से ही ली हो. अब इसमें कई लोगों को भ्रम हो रहा है कि अगर किसी ने मोरेटोरियम सुविधा का लाभ नहीं लिया और समय से किस्तें चुकाईं यानी उसने ब्याज पर ब्याज नहीं दिया, तो उसे क्यों और क्या वापस मिलेगा? असल में सरकार यह नहीं चाहती कि जिन लोगों ने समय से किस्त चुकाई उनको हतोत्साहित किया जाए या उनको कोई नुकसान हो. इसलिए उन्हें भी प्रोत्साहन के रूप में राशि दी जाएगी. इसका आकलन इस आधार पर किया जाएगा कि अगर उन्होंने मोरेटोरियम की सुविधा ली होती तो उन्हें ब्याज पर ब्याज कितना दिया जाता.
ऐसे करें गणना
लोन मोरेटोरियम पीरियड के ब्याज पर ब्याज की गणना आप ऐसे भी कर सकते हैं. दरअसल, हर महीने का जो ब्याज बकाया है, वह अगले महीनों में लोन राशि में जुड़ता गया और यह प्रिंसिपल एमाउंट बनता गया और इस तरह आपको सितंबर से ज्यादा राशि पर ईएमआई बनी. आप अपने लोन एकाउंट का विवरण देखकर आसानी से इसका पता लगा सकते हैं. आपके लोन अकाउंट में इस बात का पूरा विवरण होगा कि मार्च से अगस्त तक के लिए बैंक ने कुल कितना ब्याज जोड़ा है. सितंबर में आपका कुल लोन बकाया कितना हो गया. मार्च में कुल जो लोन बकाया था और सितंबर में जो बकाया है, उसका अंतर ही बैंकों द्वारा लगाई गई चक्रवृद्धि ब्याज है.
इसके बाद आपकी मार्च तक जो बकाया राशि थी, उस पर अगस्त तक ब्याज दर के हिसाब से साधारण ब्याज कितना लगता, इसका आकलन कर लीजिए. बैंक द्वारा लगाये गये ब्याज और साधारण ब्याज की जो गणना आपने की, उसके अंतर को ही आपको मिलने वाली राशि मानी जाएगी, जो कैशबैक के रूप में आपके खाते में आएगी.
30 लाख के लोन पर 1772 रुपये कैशबैक
मान लीजिये किसी की लोन बकाया राशि मार्च तक 30 लाख रुपये थी और ब्याज दर 7.5 फीसदी है. इस पर चक्रवृद्धि ब्याज छह महीने के लिए 1,14,272 रुपये हुआ. अब इस पर इसी रेट से साधारण ब्याज 112,500 रुपये हुआ. यानी इस व्यक्ति के खाते में करीब 1772 रुपये (चक्रवृद्धि ब्याज-साधारण ब्याज) वापस आएंगे.