दुखद है जोनल ऑफिस का स्थानांतरण

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

धनबाद जो शायद अब औधोगिक नगरी सिर्फ नाम का ही रह जायेगा ,चूंकि धनबाद के जनप्रतिनिधियों के द्वारा शायद धनबाद को चुनाव जीतने के लिए एक सुरक्षित सीट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है । यहाँ की जनता, यहाँ के व्यवसायियों को सिर्फ और सिर्फ बेवकूफ बनाया गया है और बनाया जाता रहेगा, ऐसा कहना है बैंक मोड़ चैंबर के सचिव श्री प्रमोद गोयल जी का। आज उन्होंने यह उद्गगार एसबीआई के जोनल ऑफिस के स्थानांतरण को लेकर व्यक्त की । उन्होंने कहा कि दुखद है ये शिफ्टिंग।
सफलता या असफलता मायने नहीं रखती लेकिन प्रयास बहुत ही ज्यादा मायने रखता है। ये सब एक दिन में तय नहीं होता है। हम जनमानस को तो लेट से खबर होती है लेकिन माननीयों को तो पहले से ही खबर हो जाती होगी । यदि संकेत मिलते ही विरोध होता तो एयरपोर्ट, दुरंतो, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रलियम, एम्स, रेलवे हाजीपुर जोनल कार्यालय धनबाद से विमुक्त नहीं होता। आखिर दोषी कौन है कैसे है, लेकिन धनबाद जो सारे देश में अपना एक अति महत्वपूर्ण स्थान रखता है वो हमेशा ठगा गया, छला गया । अब कोई कुछ भी सांत्वना दे, संतोष दे लेकिन ऐसा व्यवहार ओछा है अशोभनीय है। हम भारत माता के बेटे होने का अभिमान करते है। लेकिन धनबाद की धरती का हमने सिर्फ दोहन किया । इस धरती माता के कुपुत्र और एक कलंकित संतान साबित हुए।
धनबाद के जन प्रतिनिधियों का इस गंभीर अवस्था में गंभीर नहीं होना समझ से परे है। उन्होंने इसकी अभिव्यक्ति एक व्यंग्य से दी है
शहर तबाह है नेता से,
मां तबाह है बेटा से,
रोड तबाह हाईवा गाड़ी से,
धनबाद तबाह कलंकारी से।
जो वाकई कोयला नगरी धनबाद के लिए खरी उतरी ।

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