धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ करने के लिए एएनपीआर कैमरे सहित अन्य पहलुओं पर काम को लेकर उपायुक्त को पत्र

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मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद जो की देश की कोयला राजधानी के रूप में जाना जाता है तथा झारखंड की आर्थिक राजधानी भी कहलाती है। धनबाद की शहरी आबादी लगभग तेरह लाख के साथ जिले की तीस लाख आबादी होने का भी गौरव प्राप्त है पर अफसोस है कि इस शहर में कोई ट्रैफिक व्यवस्था नहीं है फलस्वरूप हर जगह बेतरतीब ढंग से लोग सड़क को अतिक्रमित कर जहां तहां अपनी गाड़ियों की पार्किंग कर बाजार में खरीदारी करने चले जाते हैं। सड़क किनारे सब्जी बाजार होने की वजह से सड़क पर ही लोग बाईक एवं कारों को खड़ी कर देते हैं। उन लोगों को प्रशासन की निष्क्रियता का पता है इसलिए वे बेफिक्र होकर अपनी खरीदारी में व्यस्त रहते हैं। गाहे बगाहे जिला परिवहन एवं यातायात विभाग के तरफ से कार्रवाई होती है और वह भी एकाध दिन। धनबाद की हर प्रमुख बाजार और सड़कों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है और उसके बाद वाहनों का सड़क पर पार्किंग करना, इन सबकी वजह से धनबाद शहर आज भी बेतरतीब शहर कहलाता है। यहां कभी कभी योजनायें भी बनी है पर वह बैठक और अखबारों तक ही सीमित रह जाती है। तेरह लाख की शहरी आबादी वाले शहर में कहीं भी सिग्नल लाईट नहीं है और न ही एचडी कैमरे जिससे नियम तोड़कर भागने वाले बाईक सवार या गाड़ियों के नियम तोड़कर चलने वाली गाड़ियों के नम्बर प्लेट को कैद करने वाले एएनपीआर कैमरे जिसे बाद में देखकर उस पर जुर्माने के चालान काट कर कार्रवाई की जाए। झारखंड की राजधानी रांची में नये ट्रैफिक एसपी की अपनी सकारात्मक सोच की वजह से पिछले कुछ दिनों से रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में आमुल चूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है। शहर के हर चौक चौराहे से लेकर हर मुख्य जगह पर उच्च क्वालिटी के कैमरे तथा एएनपीआर कैमरे को लगाकर बगैर हेलमेट, बगैर सीट बेल्ट लगाकर चलने वाले एवं गति सीमा से ऊपर चलने वालों को ऑनलाइन चालान की नोटिस दी जा रही है उसके नम्बर प्लेट को रीड करके। धनबाद में भी यातायात पुलिस उपाधीक्षक से भी ऐसे ही कार्य करने को अपेक्षित है लोगों को ताकि लोगों में अपनी सुरक्षा तथा दूसरे की सुरक्षा के प्रति जागृत हो सके। हालांकि धनबाद के ट्रैफिक डीएसपी श्री राजेश कुमार ने अपने तरफ से कई दिन पहले रणधीर वर्मा चौक से आइटी-आइएसएम के बीच बने बेतरतीब तरीके से बने डिवाइडर और उसपर लगे बिजली के बाॅक्स जो टूट चुके हैं उन्हे हटाने के लिए पहल की थी लेकिन अबतक उन्हें न हटाया गया है और न पथ निर्माण विभाग के तरफ से अवैध कट को बंद किया गया है।
धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह धनबाद में व्याप्त कमियों एवं लोगों की जन समस्याओ को लेकर लगातार प्रयत्नशील रहते हैं और अपने कार्यों में सफल भी होते हैं। आज उन्होंने धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था में कैसे सुधार लाया जाए इस विषय पर सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सह उपायुक्त, धनबाद को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें उन्होंने धनबाद के कार्मेल स्कूल सहित सभी बड़े पब्लिक स्कूल के सौ मीटर तक कैमरे तथा एएनपीआर कैमरे को लगाने की पहल प्राथमिकता के तौर पर शुरू करनी चाहिए ताकि स्कूल के नाबालिग बच्चे जो बाईक के साथ स्कूल आते हैं उन पर नकेल कसा जा सके। धनबाद की सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होती है, वहां कार्य करने का आदेश और निर्देश दिया जाता है उसे फाॅलोअप नहीं किया जाता है जिसकी वजह से लोगों को प्रशासनिक कार्रवाई का डर नहीं रहता है। सभी विभागों में समन्वय स्थापित कर कार्य करने की जरूरत है ताकि लोगों को सरकार के कार्य नजर आये और धनबाद शहर को अतिक्रमण मुक्त यातायात व्यवस्था मिल सके। धनबाद को भी रांची के वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था को लागू करने की जरूरत है जिससे आमजन को औधोगिक नगर का एहसास हो सके।
उन्होंने पत्र की प्रति मुख्यमंत्री, झारखंड, मुख्य सचिव झारखंड सरकार, पुलिस महानिदेशक, झारखंड, नगर आयुक्त, धनबाद, जिला परिवहन पदाधिकारी, धनबाद, आरक्षी उपाधीक्षक (यातायात), कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, जिला शिक्षा अधीक्षक, धनबाद तथा सभी मुख्य निजी विद्यालय के प्राचार्य को इस विषय पर विचार कर पहल करने हेतू दी है।

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