धनबाद की लचर विधुत व्यवस्था के विरोध में श्री सुरेंद्र अरोड़ के क्रमबद्ध आंदोलन के अंतिम दिन अनशन पर

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मनीष रंजन की रिपोर्ट
देश को अपना कोयला देकर रौशन करने वाला कोयला नगरी धनबाद खुद अंधेरे का सामना करता रहता है। राज्य में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, धनबाद की यह समस्या लगातार बनी रहती है। दो बोर्डों के चक्कर में धनबाद हमेशा अंधकार का सामना करता है। कभी डीवीसी का बकाया,कभी मेंटेनेंस, कभी झारखंड विधुत वितरण निगम लिमिटेड का मेंटेनेंस। इन सभी बातों को सुन सुनकर लोगों को उब हो गई है। बिजली की कमी से सबसे ज्यादा व्यापारी वर्ग प्रभावित होता है। उनके लिए जेनरेटर पर निर्भरता सामानों के दाम पर असर करने लगता है। धनबाद की जनता लगातार बिजली की लचर व्यवस्था एवं पावर कट से परेशान तो है ही, अब पिछले चार महीने से चार सौ यूनिट के ऊपर आने वाले बिजली की पर सब्सिडी भी खत्म कर दी गई है जिसका सीधा असर सभी लोगों पर पड रहा है।
बिजली की इसी लचर व्यवस्था एवं लगातार पावर कट को लेकर बैंक मोड चैंबर ऑफ कॉमर्स के संरक्षक और पूर्व अध्यक्ष श्री सुरेंद्र अरोड़ा पिछले 30 जून से लेकर आज तक क्रमबद्ध अकेले आंदोलन कर विरोध कर रहे हैं। उनके इस प्रयास को व्यवसायियों ,जन प्रतिनिधियों एवं आमजन ने सराहना की है। पहले दिन उन्होंने काला बिल्ला लगाकर विरोध किया था। दुसरे दिन एक जुलाई को मौन धारण कर विरोध जताया था। उनके प्रतिष्ठान में चैंबर के पदाधिकारियों ने जाकर हौसलाअफजाई की थी।
आज आंदोलन के अंतिम दिन श्री सुरेंद्र अरोड़ा ने अनशन कर अपना विरोध जताया। स्थानीय विधायक श्री राज सिन्हा, भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष श्री चंद्रशेखर सिंह, श्री नितिन भट्ट, फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री चेतन गोयनका,पुराना बाजार चैंबर के पूर्व अध्यक्ष श्री सोहराब खान, बैंक मोड चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव श्री प्रमोद गोयल, श्री रमेश चंडक, श्री लोकेश अग्रवाल ने श्री सुरेंद्र अरोड़ा के अनशन कार्यक्रम में शामिल होकर उनका हौसलाअफजाई बढाया। यह अपने तरीके का अनोखा प्रयास धनबाद की बिजली व्यवस्था को कितना पटरी पर लायेगा यह आने वाला दिन बतायेगा।

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