नई शिक्षा नीति एवं भारतीय ज्ञान पद्धति पर कोयलांचल विश्वविद्यालय में परिचर्चा

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चंदन पाल की रिपोर्ट

कोयलांचल विश्व विद्यालय में आज नई शिक्षा नीति को लेकर एक अहम् बैठक की गईं। जिसमे कई विश्व विद्यालय के कुलपतियों ने भाग लिया। कोयलांचल विश्व विधालय के कुलपति प्रो सुखदेव भोई की अगुवाई में की गईं इस बैठक में आइआइटी-आइएसएम के निदेशक प्रो राजीव शेखर, सिद्धू कान्हो विश्वविद्यालय दुमका की कुलपति मंजू झरिया मिंज, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ बनारस , विनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी धनबाद पूर्व कुलपति प्रो अंजनी कुमार श्रीवास्तव, और विनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी धनबाद पूर्व एलसी वॉइस काउंसलर प्रो धर्मेंद्र कुमार सिंह के अलावे कई कॉलेजों के प्रिंसिपल भी शामिल हुए। मौक़े पर कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति ने सभी अतिथियों को बुके देकर और शॉल ओढाकर सम्मानित किया। बैठक के दौरान सभी ने राज्य की नई शिक्षा नीति पर चर्चा की। साथ ही सभी कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के दौरान भारतीय संस्कृति और सभ्यता की पाठ पढ़ाने पर चर्चा की। इस मामले में जानकारी देते हुए कोयलांचल विश्व विद्यालय के कुलपति सुखदेव भोई ने बताया की शिक्षकों के जिम्मे होता हैं बेहतर समाज निर्माण का दायित्व हम जैसी शिक्षा बच्चों को देंगे वह वही सीखेगा। आज हमारा समाज पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहा है, और हम अपनी भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। इसे बचाना जरुरी है। इस लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को पढ़ाई के दौरान बच्चों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराना होगा।

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