नगर निगम के यूजर चार्ज को लेकर व्यवसायियों में असमंजस की स्थिति
मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद नगर निगम के द्वारा कोरोना संक्रमण काल के लाॅकडाउन पीरियड से प्रतिष्ठानों एवं आवासों से अप्रत्याशित रूप से यूजर चार्ज को लेकर लेकर जो फरमान जारी कर व्यवसायियों की चिंता बढ़ा दी है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। व्यवसायी वर्ग अभी कोरोना के लाॅकडाउन पीरियड से उबरा भी नहीं है कि फिर से यूजर चार्ज को लेकर बातें होने लगी है।
आज इसी सिलसिले में बैंक मोड़ चैंबर के सचिव श्री प्रमोद गोयल ने अनंत सोच लाइव को बताया कि
यूजर चार्ज निगम और सरकार का एक तानाशाही फरमान है। इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसकी तिथि को आगे बढ़ाने का कोई मतलब ही नहीं है बल्कि इसे पूरी तरह निरस्त करना होगा। यदि साफ सफाई भी निगम नहीं करवा सकता तो इसके अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगता है। निगम के द्वारा लिये जा रहे होल्डिंग टैक्स, वाटर टैक्स,ट्रेड लाइसेंस आदि का कर भुगतान किस कार्य हेतु लिया जाता है। उन्होंने इसके पुरज़ोर विरोध की बात कही है। यदि इसका पुरजोर विरोध नहीं किया गया तो भविष्य में कई करों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि अब मोहल्ले की सड़क का कर , गलियों की संकीर्ण रास्तों का कर , किसी भी तरह के घरेलू आयोजन शादी विवाह कर , मॉर्निंग वॉक इविनिंग वॉक कर, घरों में कार पार्किंग बाइक पार्किंग कर , बच्चों को स्कूल भेजने हेतु वाहन कर इत्यादि कई कर भी शायद देने पड़े। ध्वनि प्रदूषण एवं रेन हार्वेस्टिंग के लिए निगम के पास कोई योजना नहीं लेकिन इसके उल्लंघन करने पर पेनाल्टी वसूल करने में बेताब दिखते हैं।