निजी अस्पतालों में भी हर वक्त आयुष्मान कार्ड धारक का इलाज हो को लेकर प्रधान मंत्री को पत्र

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

केंद्र सरकार ने गरीबों को क्वालिटी स्वास्थ्य सेवा देने के लिए सरकारी एवं निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए पांच लाख तक की राशि खर्च कर इलाज कराया जा सकता है। यह पांच लाख की राशि निजी अस्पताल को बाद में केंद्र सरकार के तरफ से अस्पताल प्रबंधन के पास आ जाती है। राशि आने में देरी होने से बहुत सारे निजी अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों का इलाज नहीं कर रहें हैं। देश की कोयला राजधानी धनबाद में भी लगभग सभी निजी अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड के मरीजों का इलाज नहीं कर रहें हैं। कभी कभार किसी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों का इलाज हो रहा है। इलाज के अभाव में मरीज इलाज नहीं करा पाते तथा ऐसी स्थिति में मरीजों की जान तक चली जाती है।पैसे के अभाव में मरीज बेहतर इलाज नहीं करा पाते। धनबाद सहित झारखंड के विभिन्न जगहों तथा देश के अन्य जगहों पर आयुष्मान कार्ड धारक को निजी अस्पताल इलाज करे। इस विशेष विषय को लेकर धनबाद के समाजसेवी और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसके माध्यम से देश के सभी आयुष्मान कार्ड धारक को निजी अस्पतालों में इलाज की समुचित सुविधा देने की मांग की है। इससे देश की बड़ी जनसंख्या को फायदा मिलेगा तथा देश के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिलेगी जो इस योजना को लागू करने के लक्ष्य को भी साधेगी।

इस पत्र की प्रति उन्होने देश की राष्ट्रपति, झारखंड के मुख्यमंत्री, धनबाद के उपायुक्त, धनबाद के सिविल सर्जन, धनबाद के नोडल पदाधिकारी, आयुष्मान कार्ड तथा सभी अन्य जिलों के पदाधिकारियों को इस अति महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने की बात कही है।

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