निजी स्कूलों के द्वारा फीस में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री एवं उपायुक्त को ट्वीट

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

राज्य में प्राइवेट स्कूलों द्वारा प्रति वर्ष मासिक फीस सहित अन्य मद में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी जाती है। ऐसे में अभिभावकों को आर्थिक रूप से परेशानी होने लगती है। हर वर्ष अभिभावक महासंघ के तरफ से विरोध भी किया जाता है पर उस विरोध को सरकार गंभीर रूप से नहीं लेती है तथा दिशा निर्देश जारी कर दिया है जाता है। उस दिशा निर्देश का पालन स्कूल प्रबंधन कतई नहीं करती है। ऐसे में कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
ऐसा ही एक वाकया छत्तीसगढ़ में हुआ है जिसमें वहां कि सरकार ने 240 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। वहाँ की सरकार ने स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए सभी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। झारखंड में भी मुख्यमंत्री इस तरह की कठोर कार्रवाई करें इसके लिए धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन एवं झारखंड अभिभावक महासंघ के उपाध्यक्ष कुमार मधुरेन्द सिंह ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा कि गयी कार्रवाई का उल्लेख किया है। उन्होंने धनबाद के उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह जी को भी ट्वीट कर जानकारी दी है।

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