पहला कदम स्कूल में दिव्यांग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर अभिभावकों को शुरुआत में सिखने की जरूरत
मनीष रंजन की रिपोर्ट धनबाद में दिव्यांग बच्चों के प्रसिद्ध स्कूल पहला कदम, जगजीवन नगर, सरायढेला में आज दिव्यांग जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया जिसमें मुख्य अतिथि क्रेडो वर्ल्ड स्कूल की प्राचार्या श्रीमती शर्मिला सिन्हा तथा टाटा की सामाजिक संस्था सबल के प्रतिनिधिमंडल जिसमें सबल ( टाटा स्टील एंड पावर लिमिटेड, जमशेदपुर) की तरफ से श्री अरुण कालिंदी ( टीएसएफ, झरिया ) कुमार संदीप (टीएसएफ झरिया), श्री संतू दास (सबल) श्री शिवेंद्र सिंह (सबल), श्री गोराचंद महत्ता ( टाटा स्टील फाउंडेशन) ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सबल के द्वारा एक दिव्यांग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा सभी सम्मानित लोगों ने सभी अभिभावक से बातचीत कर शुरूआती दिव्यांग लक्षणों के प्रति जागरूक रहने को कहा। सभी विशेषज्ञों ने बताया कि कुछ बच्चों में देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ उनमें चलने, बोलने या सुनने समेत मानसिक विकास नहीं हो पाता है। कुछ बच्चों में जन्म के बाद बोलने ,सुनने, चलने समय कई तरह के मानसिक विकास जैसा होना चाहिए वैसा नहीं हो पाता है ऐसे बच्चे तीन से दस फीसदी ही होते हैं। कुछ नवजात बच्चों में चिकित्सकीय जांच के बाद ही इसका पता चल जाता है लेकिन ज्यादातर माता-पिता को बच्चों की उम्र बढ़ने के बाद ही इस स्थिति की जानकारी हो पाती हैऻ इस तरह की जानकारियों के देने से अभिभावक काफी लाभान्वित हुए। ट्रेनिंग के दौरान कई नई चीजों के बारे में बताया गया जैसे कि समावेशी अशिक्षित शिक्षा जिसमें इस शिक्षा के अंतर्गत सामान्य स्कूल में जाकर सामान्य बच्चों के साथ मिलकर सामाजिक कौशल सीखे। वह हमारे बौद्धिक दिव्यांग बच्चे मुक बधिर तथा सारे अक्षम बच्चे वहां जाकर वहां के वातावरण में घुल मिलकर रह सकने की क्षमता रख सके। सामान्य स्कूल के शिक्षकों को पहला कदम जैसे विशेष स्कूल में बुलाकर शिक्षण तथा प्रशिक्षण प्रदान करने की भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि वह अपने स्कूल के दिव्यांग बच्चों में भी संवेदी शिक्षा प्रदान कर समाज के मुख्य धारा में जोड़ सकें।