पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) के तहत पंजीकृत संस्था द्वारा सुम्हक नदी के ऊपर इस्पात के झूला पुल की स्थायी संरचना का निर्माण
निचले इलाके का चिनहान गांव तिरप जिले के लाजू मंडल में खोंसा शहर से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह म्यांमार के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। यहां पर कुल 813 लोगों की आबादी वाले 163 घर बने हुए हैं। यह तिरप जिले के सबसे दूर स्थित गांवों में से एक है और ओलोह जनजाति का निवास स्थल है। चिनहान गांव वर्ष 2014 से पूर्वोत्तर क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन परियोजना- एनईआरसीओआरएमपी के अंतर्गत आता है। विभिन्न विकास गतिविधियों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करने के लिए गांव में सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन (पीआरए) अभ्यास आयोजित किया गया था। इस दौरान, ग्रामीणों ने सुम्हक नदी पर बने झूला पुल की पहचान गांव में की जाने वाली प्राथमिक विकास गतिविधि के रूप में की क्योंकि यह सेतु मार्ग इस गांव की जीवन रेखा है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा लाजू और खोंसा आने-जाने, आवश्यक घरेलू सामान एवं अन्य निजी वस्तुओं को खरीदने तथा अन्य आवश्यक कार्यों के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है। वर्षा के मौसम (जून-सितंबर) के दौरान ग्रामीणों को नदी पार करने में बहुत कठिन समय का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि नदी में पानी की मात्रा काफी बढ़ जाती है और इसे पार करते समय पानी का प्रवाह बहुत तेज होता है। इसलिए हर साल, ग्रामीण नदी पार करने के लिए बांस की संरचना के साथ एक अस्थायी झूला पुल का निर्माण करते थे।
वित्तीय वर्ष 2015-2016 में परियोजना ने मीन-हो-जो एनएआरएमजी को सुम्हक नदी पर इस्पात के झूला पुल की एक स्थायी संरचना बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की। पुल की संरचना का डिजाइन पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा प्रदान किया गया था। सहायक अभियंता श्री लिंकवांग लोवांग ने पीटीओ के साथ मिलकर साइट का सर्वेक्षण किया और झूला पुल की लंबाई 35 मीटर मापी गई। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2015 के नवंबर महीने में शुरू हुआ और फिर काम पूरा करने में साढ़े 13 महीने का समय लगा। पुल के निर्माण की कुल लागत 14,13,800/- रुपये थी, जिसमें सामुदायिक योगदान के रूप में 4,34,00/- रुपये प्राप्त हुए थे। इस पुल का उद्घाटन 9 मार्च 2018 को खोंसा, तिरप जिले के ईएसी श्री हकरेशी क्री द्वारा एनईआरसीओएमपी-तिरप और लोंगडिंग के जिला परियोजना निदेशक श्री रूजिंग बेलाई की उपस्थिति में किया गया।
एनईआरसीओआरएमपी-तिरप और लोंगडिंग से वित्तीय सहायता के माध्यम से स्थायी संरचना वाले इस्पात झूला पुल का निर्माण होने से ग्रामीणों को अब बड़ी राहत मिल रही है और अब नदी पार करने में उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हो गई है। साथ ही, बांस की नई संरचना के बार-बार निर्माण में होने वाले वार्षिक श्रम निवेश का उपयोग अब अन्य उत्पादक कार्यों के लिए किया जा सकता है।
ईएसी श्री हकरेशी क्री ने इस सुदूर गांव में इस तरह के विकास कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए एनईआरसीओएमपी टीम तथा निचले इलाके चिनहान के ग्रामीण नेताओं को बधाई दी। उन्होंने ग्रामीणों को विशेष रूप से एनएआरएमजी नेताओं और ग्राम प्रधान एवं जीबी को कड़ी मेहनत करने के लिए धन्यवाद दिया क्योंकि इस क्षेत्र में बेहद कठिन इलाके में सफलतापूर्वक पुल का निर्माण किया गया है। इस पहल से ग्रामीण समुदाय को जिला मुख्यालयों और जिलों के अन्य हिस्सों में जाने के लिए सस्पेंशन ब्रिज का लाभ मिल रहा है।