पेट्रोलियम उत्पादों की मांग धीरे-धीरे सामान्य हो रही है
भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत जो इस वर्ष मार्च और अप्रैल के अंतिम सप्ताह में औंधे मुंह गिर गई थी अब धीरे धीरे सुधरकर जून में पूर्व लॉकडाउन के स्तर पर आ रही है। तेल विपणन कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन के बिक्री आंकड़ों से यह बात सामने आयी है।
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल खपत वाले देश भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री कोविड महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए देशव्यापी लाकडाउन की वजह से 2007 के बाद से सबसे कम हो गई थी।
क्रमिक रूप से लॉकडाउन उठाने और चरणबद्ध तरीके से अर्थव्यवस्था को अनलॉक करने की शुरुआत के साथ, औद्योगिक गतिविधि और लोगों की आवाजाही फिर से शुरू करने की अनुमति मिलने के साथ जून’20 में कुल पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 88% (11.8 एमएमटी) तक पहुंच गई जबकि जून 2019 में यह (13.4 MMT) थी। खपत में तेजी उत्पादन, औद्योगिक तथा परिवहन गतिविधियों का बढ़ना आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों में वृद्धि का संकेत है।
सल्फर, पेटकोक और नेफ्था जैसे औद्योगिक ईंधन की मांग क्रमशः 89.3%, 118% और 80.7% के स्तर तक पहुंच गई, जबकि समुद्र खनन से प्राप्त ईंधन पिछले साल की समान अवधि के 138.5% के स्तर पर पहुंच गया। रिफाइनरियों में कच्चा तेल का इनपुट आज की तारीख में 85% के स्तर को पार कर चुका है। अप्रैल 2020 की शुरुआत में यह 55% तक कम हो गया था।
औद्योगिक आधार पर, जून’20 में, पेट्रोल की खपत पिछले वर्ष के स्तर 85% (जून’20 में 2.0 एमएमटी, जून ’19 में 2.4 एमएमटी) और डीजल की खपत पिछले वर्ष के स्तर की तुलना में जून में 82% (जून’20 में 5.5 एमएमटी,जून ’19 में 6.7 एमएमटी) तक पहुंच गयी।
मॉनसून के समय पर आने और कृषि गतिविधियों में तेजी के साथ डीजल की खपत में वृद्धि दर्ज की गई और यह अप्रैल 2020 के स्तर की तुलना में 96% प्रतिशत बढ़कर (जून 20 में 5.5 MMT, अप्रैल’20 में 2.8 MMT से) पर पहुंच गई।
एलपीजी ईंधन की मांग में भी लगातार वृद्धि हो रही है इसमें जून 2020 में जून-19 की तुलना में 16.6% की मजबूत वृद्धि हुई है।
33% क्षमता के साथ घरेलू उड़ानों तथा विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए वंदे भारत मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अनुमति मिलने से विमानन क्षेत्र की गतिविधियां शुरु हो गई जिससें विमान ईंधन की खपत में अप्रैल 2020 के स्तर की तुलना में जून में 4 गुना तेजी दर्ज की गई (जून में कुल 52 टीएमटी +20 जून 201 में टीएमटी)
इसी तरह, प्रमुख सड़क निर्माण परियोजनाओं के फिर से शुरू होने के साथ, जून 2019 की तुलना में जून 2020 में बिटुमेन खपत में 32% की ठोस वृद्धि दर्ज की गई ।
कुल मिलाकर सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत अप्रैल’20 के 49% के स्तर से(अप्रैल’20 में 6.6 एमएमटी (अप्रैल’19 में 13.4 एमएमटी))काफी बढ़कर जून’20 में 88% के स्तर (जून’20 में 11.8 एमएमटी बनाम 13.4) एमएमटी जून 19 में) पर पहुंच गई। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लॉकडाउन के प्रतिबंधों से धीरे धीरे बाहर निकलने और आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने के कारण संभव हुआ है।