प्रवासी मजदूरों के निबंधन, लाभ हेतू धनबाद प्रखंड में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन
मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद: आज दिनांक 16 जनवरी 2025 को जिले के धनबाद सदर प्रखंड में प्रवासी मजदूरों से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में सहायक श्रमायुक्त श्री प्रवीण कुमार ने प्रवासी श्रमिकों से संबंधित समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वैसे श्रमिक जो रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों, देशों में रोजगार के बेहतर तलाश में जाते हैं वे अनिवार्य रूप से श्रमाधान झारखण्ड.जीओवी.कॉम पोर्टल पर प्रवासी मजदूर अधिनियम 1979 के अंतर्गत निबंधन कराकर जाएं ताकि श्रमिकों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो ।
उनके द्वारा बताया गया कि सामान्य मृत्यु, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के कारण जिले के प्रवासी श्रमिक की मृत्यु/अशक्त होने पर उन्हे अपने घर तक लाने के लिए पचास हजार तक की राशि मुख्यमंत्री झारखण्ड प्रवासी श्रमिक दुर्घटना कोष से दी जायेगी। प्रवासी श्रमिक की दुर्घटना में दो अंग या दोनों ऑख या अंग की हानि होने पर एवं दुर्घटना/प्राकृतिक आपदा में श्रमिक की मृत्यु होने पर पंजीकृत एवं अपंजीकृत प्रवासी श्रमिकों को 75 हजार से दो लाख रूपये तक का भुगतान किया जायेगा।
सहायक श्रमायुक्त के द्वारा श्रम विभाग के संचालित सभी योजनाओं का जानकारी विस्तृत रुप में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित किया गया एवं सभी आगन्तुकों से अपील किया गया कि जो भी मजदुर अपने राज्य से दूसरे राज्य में कार्य करने जाते हैं वे अपना निबंधन प्रवासी मजदूर के रुप में श्रम विभाग में जरुर करवायें। साथ ही सहायक श्रमायुक्त द्वारा बिभाग से संचालित झारखण्ड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना/ झारखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में निबंधन तथा मुख्यमंत्री सारथि योजना अंर्तगत संचालित योजनाओ की विस्तृत जानकारी दी गई।
साथ हीं उन्होंने बाल एवं किशोर श्रम किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 की जानकारी दी। इस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने निम्नलिखित जानकारी दी-
• बाल श्रम यानि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से कार्य लेना सामाजिक कुरीति ही नहीं कानूनन अपराध है।
•किसी भी नियोजन में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नियोजन प्रतिबंधित है।
•किसी भी खतरनाक नियोजन एवं प्रक्रिया में 18 वर्ष से कम आयु के अल्पव्यस्कों का नियोजन प्रतिबंधित है।
•यदि इन कार्यों में 18 वर्ष से कम आयु के बालक/बालिका/अल्पव्यस्क नियोजित पायें जाते है तो दोषी नियोजकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी।
•किसी भी प्रतिष्ठान में 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों का व खतरनाक नियोजनों में आयुवर्ग 14-18 वर्ष का नियोजन प्रतिषेधित्त है। उल्लंघन की स्थिति में 20,000 रूपये से 50,000 रूपये तक का जुर्माना अथवा 6 मास से 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों हो सकता है।
•सभी से अपील है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी नियोजन में तथा 18 वर्ष से कम उम्र के अल्पवयस्कों से खतरनाक नियोजन या प्रक्रिया में कोई कार्य न लें।
•यदि किसी घर, होटल, ढाबा, ईटभट्ठा, मोटर गैरेज, क्रशर इत्यादि में कोई बाल श्रमिक या किसी खदान, कारखाना इत्यादि खतरनाक प्रक्रिया में अल्पव्यस्क कार्यरत पाया जाता है तो इसकी सूचना टॉल फ्री संख्या 18003456526 एवं 1098 पर दी जा सकती है।
इस मौके पर ब्लॉक के प्रखंड के प्रमुख, उप प्रमुख, मुखिया, वार्ड सदस्य के साथ साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सहायक श्रमायुक्त श्री प्रवीण कुमार भी उपस्थित रहे।
“बचपन की है यही पुकार, शिक्षा है हमारा जन्म सिद्ध अधिकार”
!! बाल मजदूरी है अभिशाप, बच्चों से मजदूरी करवाना है पाप !!