फ्लाई ऐश अब लंबी दूरी तय करने लगी है, एनटीपीसी ने देश भर में फ्लाई ऐश की आपूर्ति शुरू की
भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक और विद्युत मंत्रालयके तहत एक सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी लिमिटेड नेबिजली उत्पादन के दौरान अवशेष के रूप में निकलनेवाले उप-उत्पाद (राख) का 100 प्रतिशत उपयोग करनेकी योजना के अनुसार अपने प्रयासों के तहत फ्लाई ऐशकी आपूर्ति करने के लिए देश भर के सीमेंट निर्माताओं केसाथ सहयोग करना शुरू कर दिया है। विद्युत उत्पादककंपनी किफायती और पर्यावरण के अनुकूल तरीके सेफ्लाई ऐश को देश भर में भेजने के लिए भारतीय रेलवे केविस्तृत नेटवर्क का लाभ उठा रही है।
एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा जारी किये गए एक बयान केअनुसार एनटीपीसी रिहंद, सीमेंट निर्माताओं कोअनुकूलित फ्लाई ऐश भेजने वाला उत्तर प्रदेश राज्य कापहला विद्युत संयंत्र है। इस प्लांट ने हाल ही में असम केनागाँव में डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड के संयंत्र में59 बॉक्स वैगन में भरकर 3,834 मीट्रिक टन (एमटी) अनुकूलित फ्लाई ऐश भेजी है। इससे पहले, फ्लाई ऐशकी रेल रेक को टिकरिया (उत्तर प्रदेश), कोमोर (मध्यप्रदेश) और रोपड़ (पंजाब) में एसीसी संयंत्रों के लिए भीभेजा गया था।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान, लगभग 44.33 मिलियन टन फ्लाई ऐश का उपयोग विभिन्न लाभकारीउद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया गया था। एनटीपीसी सेविद्युत उत्पादन के दौरान सालाना लगभग 65 मिलियनटन राख निकलती है, जिसमें से 80 प्रतिशत (लगभग 52 मिलियन मीट्रिक टन) फ्लाई ऐश होती है। वर्तमान में, कुलराख का लगभग 73 प्रतिशत उपयोग सीमेंट और फ्लाईऐश ईंटों के निर्माण, सड़क तटबंध बनाने, खदान भरने, निम्न-भूमि विकास करने और राख से खाई को पाटने केलिए किया जा रहा है।
एनटीपीसी समूह में 62.9 गीगावॉट की कुल स्थापितक्षमता के साथ 70 विद्युत उत्पादन स्टेशन हैं, जिसमें 24 कोयला आधारित, 7 संयुक्त गैस / तरल ईंधन वाले, 1 हाइड्रो और 13 नवीकरणीय ऊर्जा के साथ 25 सहायकतथा जेवी पावर स्टेशन शामिल हैं। इस समूह में 20 गीगावॉट की निर्माणाधीन क्षमता भी है, जिसमें 5 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं।