बाजार समिति के आवंटित दुकान 31 ग को खाली करने के आदेश के विरोध में मंत्री सहित कई अधिकारियों को पत्र

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहे लोगों को जहाँ एक ओर अपनी जिंदगी को लेकर चिंतित हैं और व्यवसायी अपने व्यवसाय को बचाने को लेकर परेशान हैं वैसे में सरकारी हाकिमो के द्वारा बगैर सही तथ्यों को देखते हुए किसी की रोजी-रोटी से वंचित करने की स्थिति पैदा कर दी जाती है। ताजा वाकया धनबाद के कृषि बाजार समिति के एक आवंटित दुकान को लिखित सूचना देकर जल्द से जल्द खाली करने को लेकर है।
आज इसी सिलसिले में धनबाद के सामाजिक कार्यकर्ता एवं केन्द्रीय उपाध्यक्ष, मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन के कुमार मधुरेन्द सिंह ने दुकान संख्या 31 ग जो श्री दीनदयाल, जो राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले हैं के दुकान के आवंटन रद्द कर खाली करने के आदेश को माननीय मंत्री, झारखंड सरकार श्री बादल पत्रलेख, उपायुक्त धनबाद सहित सचिव बाजार समिति, कार्यकारी अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस, अध्यक्ष झारखंड चैंबर को पत्र लिखकर बताया है।
उन्होंने कहा कि जिस आवंटित दुकान को खाली करने का आदेश दिया गया है वहां से आज भी व्यवसाय हो रहा है। श्री दीनदयाल जी को जो नोटिस जारी किया गया है उसमें तारीख ही गलत लिखा गया है। नोटिस जारी करने की तारीख के समय में आगे के महीने की तारीख दी गई है। श्री दीनदयाल जी ने उस दुकान की जिम्मेवारी श्री जितेंद्र अग्रवाल जी को दिया है। उन्होंने सभी बकाया तय तिथि तक जमा भी कर दिया था। ऐसे में किसी आवंटित दुकान को महीने के अंत तक खाली करने के आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है। सरकार के द्वारा जारी पत्र में गलती बहुत बड़ी लापरवाही है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों के अधीनस्थ मातहतों की जिम्मेवारी बनती है कि वो सही रूप में तथ्यों को देखते हुए किसी को सूचित करें । संक्रमण काल से गुजर रहे लोगों के लिए परेशानी का सबब न बने और व्यवसायी को अपने व्यवसाय करने की जरूरत को समझने की कोशिश की जरूरत है।

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