बाबा बासुकीनाथ को लगाया गया भोग

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बासुकीनाथ से प्रियवत की रिर्पाट

मकर संक्रांति के पावन मौके पर फौजदारी दरबार बाबा बासुकीनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। स्नान दान के इस महापर्व पर श्रद्धालुओं द्वारा पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाकर अरघा के माध्यम से भोलेनाथ को जल के साथ तिल एवं तिल से निर्मित सामग्रियां अर्पित की गई। मंदिर प्रशासन की ओर से मकर संक्रांति के अवसर पर भोलेनाथ को दही चूड़ा एवं तिल के बने लड्डू का भोग लगाया गया और इसके साथ ही लोगों ने मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस पर्व के पौराणिक महत्व को लेकर पंडित हरिओम उपाध्याय ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन से सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण हो जाते हैं और इसके बाद शुभ कार्य प्रारंभ हो जाता है। उन्होंने कहा कि वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार स्थानीय श्रद्धालु बासुकीनाथ धाम स्थित नागेश कामना ज्योतिर्लिंग को दही चूड़ा एवं तिल चढ़ाकर मकर संक्रांति पर्व मनाते हैं। इस अवसर पर अन्य राज्यों से बासुकीनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बाबा के स्पर्श पूजा नहीं कर पाने का दुःख तो है बावजूद भोलेनाथ की नगरी में आकर मकर संक्रांति पर्व मनाना खुशी की बात है। इस मौके पर पूजा अर्चना करने आए श्रद्धालुओं ने वैश्विक महामारी कोरोना के खात्मे के लिए फौजदारी नाथ से याचना किया।

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