बिहार जमीन सर्वे , प्रदेश के 534 अंचलों में जमीन सर्वेक्षण की शुरुआत हो गई है।

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-हरिहर नाथ त्रिवेदी

Bihar Land Survey: प्रदेश के 534 अंचलों में जमीन सर्वेक्षण की शुरुआत हो गई है। 45 हजार गांवों में सर्वे शिविर स्थापित किए गए हैं। लगभग 9888 कर्मियों की भर्ती के बाद सर्वे का कार्य तेजी से हो रहा है। सभी अंचलों में 2025 तक सर्वे पूरा करने का लक्ष्य है।

हाइलाइट्स

  • जमीन सर्वे के लिए चार गांव पर एक अमीन
  • 9888 कर्मी एक साथ कर रहे सर्वे का काम
  • सबसे पहले इन गांवों में होगा भूमि सर्वेक्षण

पटना: बिहार में जमीन सर्वे का काम अब पूरे शबाब पर है। मंगलवार से राज्य के सभी 534 अंचलों के लगभग 45 हजार गांवों में यह काम शुरू हो गया है। लगभग 9888 नए सर्वे कर्मियों को ट्रेनिंग देने के बाद काम पर लगाया गया है। इससे पहले सिर्फ 89 अंचलों में ही सर्वे का काम चल रहा था। सरकार का लक्ष्य 2025 तक पूरे राज्य का सर्वे पूरा करना है।

जमीन मालिकों को किया जा रहा जागरूक

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि सभी अंचलों में जमीन सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। लोगों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। रैयतों से जमीन के दस्तावेजों को सही तरीके से प्रस्तुत करने के लिए कहा जा रहा है। जमीन के सर्वे में सभी पहलुओं का ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही लोगों की हर समस्या का समाधान भी किया जा रहा है।
अंचल मुख्यालय पर एक कैंप ऑफिस

उन्होंने बताया कि सर्वे के लिए हर अंचल मुख्यालय पर एक कैंप ऑफिस बनाया गया है। अधिकतर जगहों पर यह अंचल कार्यालय में ही है। लेकिन कुछ जगहों पर जगह की कमी के कारण इसे दूसरे सरकारी भवनों में भी बनाया गया है। जय सिंह ने बताया कि सर्वे के काम में तेजी लाने के लिए हर 4 गांव पर एक अमीन की तैनाती की गई है। हर कैंप ऑफिस में एक ASO (सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी) के नेतृत्व में दो कानूनगो और दो क्लर्क भी रहेंगे।

सबसे पहले इन गांवों में सर्वे

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव के अनुसार, पहले चरण में उन 60 फीसदी गांवों का सर्वे होगा, जहां खेसरा यानी जमीन के प्लॉट की संख्या 2 हजार से कम है। इसके बाद बाकी गांवों का सर्वे होगा जहां खेसरों की संख्या अधिक है। हालांकि, यह सर्वे सिर्फ गांवों में ही होगा। दियारा इलाके, टोपोलैंड और नगर निकाय के अंतर्गत आने वाले इलाकों में यह सर्वे नहीं होगा।

2020 से ही चल रहा सर्वे का काम

गौरतलब है कि ग्रामीण इलाकों में जमीन सर्वे का काम 2020 से ही चल रहा है। लेकिन अब तक सिर्फ 899 गांवों का ही सर्वे पूरा हो पाया है। 3,174 गांवों का ड्राफ्ट ही प्रकाशित हुआ है। कर्मचारियों की कमी सर्वे में सबसे बड़ी बाधा थी। लेकिन अब नए कर्मचारियों की भर्ती के बाद उम्मीद है कि सर्वे का काम तेजी से पूरा होगा।

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