बीसीसीएल के तरफ से सीएसआर के अंतर्गत लालमणी वृद्धाश्रम में बहुउद्देशीय भवन का शिलान्यास किया गया

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मनीष रंजन की रिपोर्ट
आज धनबाद के टुंडी स्थित लालमणि वृद्धाश्रम में सीएसआर के तहत बीसीसीएल द्वारा प्रदत बहुउद्देशीय हॉल का शिलान्यास तथा भूमि पूजन बीसीसीएल के विशेष सलाहकार, कार्मिक श्री पी. वी.के.आर. मल्लिकार्जुन राव द्वारा किया गया। पी.वी.के.आर. मलिकार्जुन राव ने कहा की आश्रम के वृद्ध माता -पिता के बीच कुछ करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे यहां आने के बाद इतनी खुशी मिली है कि वर्णन के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। उन्होने लालमणी वृद्धाश्रम के समस्त वृद्धजनों, अध्यक्ष नौशाद गद्दी और पूरे आश्रम के सदस्यों, डी के बेहरा विद्युत साहा, महाप्रबंधक ( कार्मिक ), श्री एम एस पांडे ,महाप्रबंधक (सिक्योरिटी) तथा आश्रम में कम्युनिटी हॉल के निर्माण में प्रारंभिक भूमिका निभाने वाले रमेंद्र तिवारी समेत अन्य अतिथियों का अभिनंदन किया उन्होंने कहा बीसीसीएल आश्रम के वृद्धजनों के साथ हर समय हर जरूरत सहायता के मौके पर कदम से कदम मिलाकर हमेशा साथ रहेगा। जो भी इस वृद्धाश्रम में बीसीसीएल सीएसआईआर के तहत सहायता देगी वह छोटी ही बात रहेगी बीसीसीएल को वृद्धजनों लिए सहायता करना कोई बड़ी बात नहीं होगी।हमेशा आश्रम के वृद्धजनों के लिए बीसीसीएल सहायता करता रहेगा।
आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी ने कहा कि बीसीसीएल द्वारा प्रदत यह बहुद्देशीय हॉल आश्रम में आश्रय ले रहे वृद्धजनों के लिए जिसमें दो बड़े कमरे, एक किचन, स्टोर रूम, एक बड़ा हॉल तथा दो बाथरूम युक्त भवन सुविधाजनक साबित होगा।
कार्यकारी अध्यक्ष श्री बी. सुधीर ने कहा कि आश्रम में जिंदगी के आख़िरी पड़ाव में रह रहे बुजुर्गों के सुविधा के लिए आश्रम प्रबंधन और समस्त वृद्धजन बीसीसीएल का हार्दिक धन्यवाद दिया। शिलान्यास एवं भूमि पूजन कार्यक्रम में बीसीसीएल से सेवानिवृत्त मुख्य कार्मिक प्रबंधक श्री रमेंद्र तिवारी, आश्रम में विशेष ध्यान रखने वाले डीएवी के पूर्व प्राचार्य एस.एस. हाजरा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता श्री मुकेश सिंह, बैंक मोड़ चैंबर के अध्यक्ष श्री प्रभात सुरोलिया, समाजसेवी एवं लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह, अभिभावक महासंघ के सचिव श्री मनोज कुमार मिश्रा, लोकहक मानव सेवा काउंसिल, धनबाद के अध्यक्ष श्री रोहित कुमार भारती सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।

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