बैंक मोड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और चिंतक प्रमोद गोयल ने धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था पर कटाक्ष कर सुधार की अपील की
मनीष रंजन की रिपोर्ट
आज की इस भाग दौड़ जिंदगी में युवा अपने सपनों की उड़ान को गति देने में अपना सबकुछ भूल जा रहें हैं। और यह भूल उस वक्त और भारी पड़ रहा है जब उसे किसी कानून या कानून का पालन कराने वाले का डर नहीं होता है। धनबाद जिला जो पूर्वी भारत का सबसे अमीर जिला माना जाता है राजस्व देने के मामले में लेकिन कानून पालन कराने और करने में देश के निचले स्तर में है।
यहां के लिए शायद एक विडंबना ही रह जायेगी कि धनबाद शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के सुधार को अमलीजामा पहना कर लोगों को सुदृढ ट्रैफिक व्यवस्था का एहसास करने का भी मौका मिल सकेगा या नहीं।
धनबाद की इस सपनों जैसी ट्रैफिक व्यवस्था की परिकल्पना को लेकर बैंक मोड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री प्रमोद गोयल ने अपनी बातों को अनंत सोच लाइव न्यूज पोर्टल के साथ साझा करते हुए वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था पर चिंतन कर इसे अति चिंतनीय बताया है। उन्होनें कहा कि एक अपराधी कोई अपराध करता है कोई हत्या लूट धमकी देता है तो हो सकता है कि पुलिस उस संदर्भ में अपनी मज़बूरी बता सकती है, लेकिन व्यस्ततम बाजार, मोहल्ले, स्कूल,अस्पताल क्षेत्र में सड़क पर कोई बच्ची, बुजुर्ग, महिला और युवक की मौत हो जाए ये तो असहनीय है। धनबाद में यह रोज का मामला हो गया है।
जब भी पुलिस प्रशासन को आईना दिखाया जाता है तो वो काफी आक्रोशित हो जाते हैं। जबकि सच्चाई ये है कि वही लापरवाह अफसरान और कर्मी लोग भी ऐसे हादसों में अपने लोगों को खो देते है तब उन्हे भी वही अहसास और दर्द होता है जो आज निर्दोष आमजन महसूस कर रहे है। प्रमोद गोयल ने बताया कि आज एक स्कूटी चलाती छात्रा की मौत की घटना ने झकझोर कर रख दिया है कि क्या हम धनबाद वासी पूरी तरह भगवान भरोसे रह गए है।
हर मोड़ पर ट्रैफिक कंट्रोल फेल है। हां आमजन को परेशान करने और मुद्रा दोहन बदस्तूर जारी है।
किसी भी गाड़ी बस, बाइक को सड़क के बीचों-बीच रोक कर जांच शुरू हो जाती है भले ही रास्ता जाम हो जाए।
ऑटो टोटो और बाइकर्स को तो लगता है जैसे पुलिस से कोई भय ही नही रहा। हां कोई बुजुर्ग महिला या बच्ची जा रही है तो वो जरूर भयभीत हैं कि कब उनका प्रताडन शुरू हो जाए।
उन्होंने धनबाद की कल की स्कूटी चालक स्नातक की छात्रा की मौत जो धनबाद पब्लिक स्कूल की बस के चालक की लापरवाही से हुई, उस बस का इंश्योरेंस फेल है और वो भी 2019 से। इससे व्यथित होकर प्रमोद गोयल ने धनबाद के परिवहन पदाधिकारी एवं ट्रैफिक पुलिस से कुछ सवाल किया है कि वो बस 2019 से हजारों बार शहर के हर ट्रैफिक चेकपोस्ट से गुजरी होगी और प्रायः हर चौक में इंस्पेक्टर स्तर के ऑफिसर वहां मोबाइल एवं हैंड हेल्ड मशीन के साथ गुजरने वाली हर बाइक और कार के नंबर प्लेट पर स्कैनिंग कर तुरंत खामियों का जुर्माना लगाती है तो बस, ट्रक, ऑटो, टोटो की स्कैनिंग क्यों नहीं हुई और निरंतर क्यों नही होती है?
ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ टू व्हीलर पर भी शायद लागू है बस, ट्रक, ऑटो, टोटो ड्राइवर शायद लाईसेंस से बरी है।
आज देश की सर्वोच्च शिक्षा प्राप्त आईएएस, आईपीएस से ही सबको उम्मीद है और आग्रह है कि मानवता और सामाजिक दायित्व के मद्देनजर आमजन की सुरक्षा हेतु कड़े और प्रभावशाली कदम उठाए ताकि आमजन आईएएस, आईपीएस के अनुभव और प्रभाव का लाभ ले सके।
हाईवा ट्रक और बाइकर्स आज यमराज का रूप ले चुके है। ऑटो, टोटो तो नियंत्रण में है ही नहीं। नाबालिग की ड्राइविंग देखनी हो तो सिर्फ ऑटो टोटो चालक को देख लीजिए वृतांत स्वयं सामने होगा।
सरायढेला गोविंदपुर रोड, बैंक मोड़ मटकुरिया रोड,पुराना बाजार जोड़ाफाटक सहित अनेक मार्ग में अनचाहे डिवाइडर कट भी जानलेवा साबित हो रहें हैं, घटनाएं रोज हो रही है युवा अपनी जान गवां रहे हैं।
हर क्षेत्र में स्पीड सीमा के बड़े बड़े बोर्ड लगाए जाएं तथा
चालू सड़क पर कोई भी पार्किंग और अतिक्रमण नहीं हो। सभी अतिक्रमण कारी को ऑन स्पॉट जुर्माना लगे।
जिला प्रशासन अपनी बैठक में सड़क के अतिक्रमण एवं अवैध कट को बंद करने की बात की जाती है लेकिन अब यह देखना है कि प्रशासन लगातार घट रही घटनाओं से कितना सबक लेती है और आमजन अपने को कितना सुरक्षित महसूस करेगी यह आने वाला समय बतायेगा।