भारतीय रेलवे ने रेल बाइसाइकल नाम की नयी प्रणाली शुरु की

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भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेल बाइसाइकल नाम की नयी प्रणाली शुरु की है जिसके जरिए रेल पटरियों की जांच, निगरानी और मरम्‍मत के लिए तकनीकी कर्मचारी निर्धारित स्‍थान तक पहुंच सकेंगे। रेल मंत्रालय ने कहा है कि बरसात के मौसम में कभी कभी स्थिति बड़ी कठिन हो जाती है जिससे रेल सेवाओं को स्‍थगित करना पड़ता है। लेकिन रेल बाइसाइकल के जरिए आसानी से पटरियों की टूट-फूट वाले स्‍थान पर पहुंच कर मरम्‍मत का काम किया जा सकेगा।

आपात स्थिति के अलावा गर्म मौसम में पटरियों पर गश्‍त के लिए भी यह प्रणाली बेहद उपयोगी साबित होगी और इससे रेल मार्गों की रोजाना निगरानी की जा सकेगी। कोविड-19 महामारी के कारण इन दिनों भारतीय रेलवे के कुछ खंड रेलगाड़ियों के यातायात के लिए बंद हैं। इन खंडों में पटरियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए रेल बाइसाइकल के जरिए गश्‍त लगाई जा सकेगी।

रेल बाइसाइकल का वजन करीब 20 किलोग्राम होता है जिसे एक व्‍यक्ति आसानी से उठा सकता है। इसे आसानी से जोड़ा और खोला भी जा सकता है। रेल साइकिल की औसत रफ्तार 10 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है जिसे बढ़ाकर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा तक किया जा सकता है। इसमें दो लोग सवार हो सकते हैं। रेलवे ने कहा है कि इन का निर्माण बड़ी आसानी से और बेहद किफायती दामों पर किया जा सकता है। एक रेल बाइसाइकल पर करीब पांच हजार रुपये लागत आती है।

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