भाषा शहीदों को स्मरण किया गया।
धनबाद : अंतर्राष्टीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर झारखंड बंगला भाषा उन्नयन समिति के बैनर तले रणधीर वर्मा चौक पर बबलू सरकार के अध्यक्षता में भाषा शहीदों को स्मरण किया गया। समिति के अध्यक्ष बेंगू ठाकुर ने मीडिया को बताया की 1948 को पाकिस्तान सरकार द्वारा उर्दू को राष्टीय भाषा बनाने के विरोध में पूर्वी पकिस्तान के बंगला भाषी लोगो का भाषा आंदोलन और उनके आत्मबलिदान को याद दिलाया। उन्होंने ये भी कहा की अब्दुस सलाम ,रंफीकुद्दीन अहमद, अबुल बरकत, अब्दुल जब्बार, सफीर रहमान, की अमर बलिदान मातृभाषा डे पर प्यार और समर्पण डे दर्शाता है। भाषा डे को 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का दर्जा दिया । इस अवसर पर बक्ताओ ने असम के बृहद जिले में हुई भाषा आंदोलन और पस्चिम बंगाल में भजोहरी महतो के नेतृत्व में हुई पुरुलिया का भाषा आंदोलनका भी चर्चा किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कई लोग मौजूद थे।